गुरुग्राम में आयोजित हुई गुर्जर महापंचायत, 10 राज्यों के गुर्जर समाज के मुखियाओं ने लिया भाग

ख़बरें अभी तक। गुरुग्राम के सैक्टर-61 में सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए गुर्जर महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें देश के 10 राज्यों से गुर्जर मुखियाओं, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उतर-प्रदेश, राजस्थान , गुजरात व महाराष्ट्र के कई मंत्रीयो व् विधायको के साथ साथ क्षेत्र के सैकडो की संख्या में लोग शामिल थे।  इस महापंचायत में सभी ने मिलकर गुर्जर समाज के बच्चो में उच्च शिक्षा, कई राज्यों में हो रहे बाल विवाह, दहेज प्रथा, मृत्युभोज और शादियों में दिनोदिन बढ़ रही फिजूल खर्ची को लेकर चिंता जताई।

दरअसल आजकल समाज को अपनी हैसियत दिखाने के लिए शाही शादी और बेलगाम दहेज का प्रचलन बढता ही जा रहा है इस दिखावे में सभी बिरादरियों के साथ साथ गुर्जर बिरादरी भी शामिल है। इन मुद्दों पर ना केवल सहमती बनाई बल्कि कठोरता से फैसले भी लिए यदि गुर्जर समाज के लोग इन नियमों की अवहेलना करेंगे तो उन पर आर्थिक दंड निर्धारित किया जाएगा जो कि गुर्जर समाज के बच्चो के लिए स्कूल खोलने व् उनके उत्थान के काम आएगा। साथ ही यह फैसला भी लिया गया कि यदि जरूरत पड़ी तो उनका सामाजिक बहिष्कार का भी फैसला लिया जा सकता है।

गुड़गांव मे गुर्जर समाज की हुई इस महापंचायत में जम्मू कश्मीर व उत्तर प्रदेश से आए मंत्रियों व पूर्व सांसद का कहना है कि गुर्जर समाज में कुछ लोगों के पास पैसा ज्यादा आ गया है जिसकी वजह से वो शादियों में फिजूल खर्ची करते हैं। जिसके चलते गरीब गुर्जरों की मजबूरी हो जाती है कि उन्हें भी अपनी बेटियों की शादी में दिखावा करना पड़ता है। इसलिए सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि बाल विवाह ना होने दे, दहेज ना ले और ना दे। अपने बच्चो को पढाएं और योग्य बनाए ताकि गुर्जर समाज के लोग तरक्की कर सकें साथ ही मृत्यु भोज पर भी पाबंदी लगाई जाएगी।

गुर्जर समाज द्वारा समाज की भलाई के लिए उठाया गया यह कदम वाकयी एक सराहनीय कदम है। इस कदम से न केवल गुर्जर समाज बल्कि समाज की दूसरी बिरादरियों को भी प्रेरणा मिलेगी कि दहेज जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म हो और समाज में गिरते शिक्षा के स्तर को नई ऊँचाईयों के आयाम मिले।