खबरें अभी तक। बीमारी की हालत में अमेरिका से भारत लौटने के लिए कुवैत एयरलाइंस के विमान में सवार हुए क्षेत्र के गांव मुंधो मस्ताना निवासी युवक की एयरलाइंस की लापरवाही के कारण जान चली गई। वह अपने पिता के साथ विमान में सवार हुआ था, लेकिन कुवैत में दोनों बिछड़ गए।
युवक की पहचान अमृत पाल सिंह के रूप में हुई है। परिवार के लोगों ने अमृत पाल की मौत के लिए कुवैत एयरलाइंस को जिम्मेदार ठहराया है। पिता ने विदेश मंत्रालय को इस मामले में पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि यदि एयरलाइंस के स्टाफ ने समय रहते उसके बेटे को भारत पहुंचा दिया होता तो आज वह जीवित होता। उन्होंने बताया कि नौजवान बेटे की मौत की वजह से पूरा परिवार गहरे सदमे में हैं।
अमेरिका से भारत लौटने के लिए कुवैत एयरलाइंस के विमान में सवार हुए गांव मुंधो मस्ताना के चरणजीत सिंह ने बताया कि उनका बेटा अमृतपाल सिंह किडनी की बीमारी से पीड़ित था। इसी हालत में वह अमृतपाल सिंह के साथ भारत आ रहे थे। विमान ने निर्धारित समय से 4:30 घंटे देरी से उड़ान भरी थी। रास्ते में आठ जनवरी को कुवैत एयरपोर्ट पर उनकी लगभग ढाई घंटे की स्टे थी, लेकिन कुवैत एयरपोर्ट पर देरी से पहुंचने के कारण दिल्ली आने के लिए उन्हें दूसरे जहाज में बैठा दिया गया। एयरलाइंस का स्टाफ अमृतपाल सिंह को व्हील-चेयर पर ला रहा था।
आरोप है कि एयरलाइंस स्टाफ अमृतपाल को किसी और तरफ लेकर चला गया। जब उन्होंने देखा कि दिल्ली आने वाले विमान में उनका पुत्र नहीं पहुंचा है तो उन्होंने शोर मचाया शुरू कर दिया, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। उल्टा उन्हें विश्वास दिलाया कि उसका बेटा जहाज के किसी और हिस्से में बैठ गया है। जब जहाज ने उड़ान भरी तो उसने जहाज के हर तरफ जाकर देखा, लेकिन अमृतपाल कहीं नहीं था। दिल्ली पहुंचकर जब उसको यकीन हो गया कि अमृतपाल कुवैत में ही रह गया है, तो उन्होंने एयरलाइंस के स्टाफ के बात की।