अंडर-19: पैर में बंधी थी पट्टी फिर भी विरोधियों के विकेट उखाड़ता गया ये भारतीय खिलाड़ी

खबरें अभी तक। भारतीय अंडर 19 टीम के तेज गेंदबाज ईशान पोरेल ने पैर की चोट के दर्द से जूझते हुए भी टीम इंडिया की जीत में योगदान दिया. आपको बता दें कि उनका वर्ल्ड कप टूर्नामेंट खेलना भी मुश्किल हो गया था. लेकिन, ईशान ने हार नहीं मानी और अपनी टीम के वर्ल्ड कप जीत के गवाह बने.

पोरेल के बाएं पैर में चोट लगी थी और इस तरह की चोट से उबरने में तीन सप्ताह लगते हैं. लेकिन, उसने 12 दिन में वापसी की और पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में छह ओवर में 17 रन देकर चार विकेट लिए.

पोरेल ने कहा, ‘मैं टूट गया था.’ उन्होंने अपनी चोट के बारे में कहा, ‘डॉक्टर ने  मेरे पैर को छुआ ही था कि मैं दर्द से कराह उठा. ऐसा लगा कि मेरी सारी कड़ी मेहनत बर्बाद हो जाएगी.’

पोरेल ने कहा, ‘मुझे लगा कि मेरा वर्ल्ड कप खत्म हो गया है. लेकिन राहुल द्रविड़ सर इतने अनुभवी हैं कि उन्हें पता है कि स्थिति को कैसे संभाला जाए. उन्होंने चोट के बारे में ज्यादा बात नहीं की, और मेरे दिमाग को चोट से हटाने की कोशिश की.’

उन्होंने कहा, ‘पारस महाम्बरे सर (गेंदबाजी कोच) ने अपने रणजी दिनों की याद साझा की, जब खिड़की के कांच का टुकड़ा उनके पैरों पर गिरने गया था, जिसे उनका पैर बुरी चरह चोटिल हो गया था. लेकिन दो-तीन दिनों के बाद उनका कॉन्फिडेंस लौट आया.’

 ईशान के कोच विभाष दास ने कहा, ‘उसने दर्द के बावजूद टूर्नामेंट में गेंदबाजी की. इस तरह की चोट ठीक होने में तीन सप्ताह लगते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘उसके बाएं पैर में चोट लगी थी और उसने पट्टियां बांधकर गेंदबाजी की ताकि चोट बिगड़ ना जाए.’

उन्होंने कहा, ‘न्यूजीलैंड में अच्छे उपचार के कारण ही वह तीन नॉकआउट मैच खेल सका.’ पोरेल पहले टेबल टेनिस खिलाड़ी था, लेकिन अच्छे कद के कारण क्रिकेट में तेज गेंदबाज बना.’

दास ने कहा, ‘उसका कद अचानक कुछ साल में काफी बढ़ गया है और उसे काफी परेशानियां भी हो रही हैं. उसके लिए फिटनेस बरकरार रखते हुए पूरी ताकत से गेंदबाजी करने की चुनौती है. हम पूरी मेहनत करेंगे और अब उसका लक्ष्य 2019 वर्ल्ड कप होगा.’