जेल में सजा काट रहे रामरहीम के बारे में हुआ एक बड़ा खुलासा

खबरें अभी तक। जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के बारे में अब एक और खुलासा हुआ है। इस राज ने उसे नए कानूनी पचड़े में फंसा दिया है। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन के खिलाफ डेरे में अवैध रूप से स्किन बैंक चलाने पर सख्त कार्रवाई की गई है। डेरा के स्किन बैंक को सील करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कानूनी कार्रवाई करते हुए अदालत में 30 जनवरी को कंप्लेंट फाइल की है। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने इस संबंध में सिरसा के सिविल सर्जन डॉ. गोबिंद गुप्ता को कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे।

सिविल सर्जन ने गत दिवस एसीजेएम विजय जेम्स की अदालत में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कंप्लेंट फाइल की। जानकारी के अनुसार, राम रहीम को बीस साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को डेरा में सर्च ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट की तरफ से पूर्व न्यायाधीश एकेएस पंवार को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया गया था। कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में सिरसा प्रशासन की ओर से डेरा सच्चा सौदा में सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

जांच में डेरा परिसर में खोला गया स्किन बैंक अवैध पाया गया। यह बैंक दो वर्ष पहले ही शुरू हुआ था। इसे पूरे उत्तर भारत का पहला ऐसा बैंक माना जाता है। अब तक देश में किसी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा मौजूद नहीं है। जांच के अनुसार, डेरे में राम रहीम ने बगैर किसी रजिस्ट्रेशन या कागजी कार्रवाई के न सिर्फ इस बैंक शुरू किया, बल्कि डॉक्टरों की मदद से लोगों से स्किन दान में लेनी भी शुरू कर दी।

दान में मिली स्किन से कितने लोगों को फायदा हुआ, यह डाटा स्किन बैंक के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं मिला। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किसी भी स्किन बैंक खोलने की मंजूरी डेरे को प्राप्त नहीं थी। अब अदालत पांच मार्च को इस मामले में सुनवाई करेगा। वहीं सीनियर एडवोकेट राहुल शर्मा का कहना है कि इस मामले में अगर डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन के पदाधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें तीन साल कैद व लाखों रुपये जुर्माने का प्रावधान है।