कुल्लू दशहरा: देव समागम में हजारों बजंतरियों ने बजाई देव धुन

ख़बरें अभी तक। विश्व के सबसे बड़े देवसमागम कुल्लू दशहरा में पहली बार बजने वाली देवुधन के दौरान ऊँ जय जगदीश हरे के साथ हजारों लोग शामिल हुए। रथ मैदान में हजारो बजंतरियों ने देवधुन बजाई। जिसमे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर विशेष रूप से शामिल हुए। देवधुन के दौरान तीन स्थानीय गीतों का प्रयोग किया गया। जिनका प्रयोग देवता को बुलाने के लिए किया जाता हैं। रविवार को दशहरा उत्सव के छठे दिन मुख्‍यमंत्री की मौजूदगी में यह भव्‍य आयोजन किया गया। बीते शनिवार को बजंतरी संघ ने देवधुन में भाग लेने वाले बजंतरियों को वर्दी आवंटित कर दी थी।

वहीं, मुहल्ला के दिन मुख्यमंत्री के आगमन पर विश्व शांति के लिए इस देवधुन का आयोजन किया गया। वहीं, करीब 45 मिनट के इस कार्यक्रम में प्राचीन वाद्ययंत्र दखनिया सहित नरसिंघा, ढोल, नगाड़े सहित शंखनाद किया गया। इसमें पहले पुजारी संघ द्वारा विशेष मंत्रोच्चारण किया गया। उसके अगले 10 मिनट तक शंखनाद किया गया। देवधुन में सबसे पहले हुआरा बजाया गया। जिसे देवता के आगमन के लिए बजाया जाता है। इसके साथ पिहाडा ते आ मेरी देवा सहित ऊँ जय जगदीश हरे यानी आरती बजाई गई। लगभग 45 मिनट के इस आयोजन का प्रबंध कारदार संघ द्वारा किया गया।

पहली बार हो रहे इस आयोजन को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। वहीं, रथ मैदान में देवधुन के बाद शाम को लालड़ी नृत्य का भी आयोजन किया जाएगा। लालड़ी में भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शामिल होंगे। पारंपरिक तरीके से होने वाले लालड़ी को लेकर सभी तैयारियां पूरी की गई हैं। महिलाएं कुल्लवी परिधानों और पुरुष कुर्ता पायजामा पहनकर वाद्य यत्रों की धुनों पर लालड़ी नृत्य करेंगे।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दशहरा उत्सव में अबकी बार कुछ नई चीजें की गई है। जो सैलानियों को भी काफी आकर्षित कर रही है। दशहरा के दौरान सामुहिक रूप से देवधुन का आयोजन देवताओं के आह्वान के लिए किया गया। जो विश्वशांति के लिए किया गया। जो एक सराहनीय प्रयास है।