मराठा वीरेंद्र वर्मा ने छोड़ी कांग्रेस कहा, टिकट बंटवारे में हुई अनदेखी

खबरें अभी तक। टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस बुरी तरह से बिखर गई है। पार्टी से इस्तीफे देने वालों की लंबी लाइन लग गई है। अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता मराठा वीरेंद्र वर्मा ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। कांग्रेस छोड़ने की घोषणा करते हुए मराठा वीरेन्द्र वर्मा ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए।

मराठा वीरेंद्र वर्मा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट बंटवारे में उत्तरी हरियाणा की अनदेखी की गई है, इससे खफा होकर कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि टिकट बंटवारे में कांग्रेस पार्टी ने उत्तरी हरियाणा के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र और पूर्व मंत्री निर्मल सिंह दोनों का अपनी अपनी जाति में आधार समाप्त करने का प्रयास किया गया है।

इसलिए जनमानस में भी कांग्रेस पार्टी के प्रति भारी रोष है। उन्होंने कहा कि जनता इतनी खफा है, कि कांग्रेस के इस रवैये से उत्तरी हरियाणा में कांग्रेस पार्टी का पूर्णतयः सफाया भी हो सकता है। वीरेंद्र मराठा ने आगामी रणनीति व राजनीतिक कदम के लिए 13 अक्तूबर दिन रविवार को अपने कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श के बाद ही आगामी फैसला लिया जाएगा।

बता दें कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी व प्रदेश अध्यक्षा कुमारी शैलजा को इस्तीफा भेज दिया गया है। मराठा वीरेंद्र वर्मा दो बार वर्ष 2009 और 2014 में बहुजन समाज पार्टी से करनाल लोकसभा चुनाव लड़ा है। मराठा एक बार नीलोखेड़ी और दो बार असंध विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं और उनकी समाज व जनता में भारी पैठ है। मराठा ने एकता शक्ति पार्टी का गठन किया था और रोड़ समाज को राजनीतिक क्षेत्र में जागरूक करने का काम किया है। मराठा ने अभी किसी पार्टी में जाने की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वे जल्द ही भाजपा का दामन थामेंगे।