अब दीपावली में नहीं होगा प्रदूषण, पराली जलाने को लेकर फैलाई जा रही है जागरूकता

खबरें अभी तक। जहां एक तरफ दीपावली का त्यौहार नजदीक है, वही दूसरी तरफ फसलों के अवशेष जलाने का दौर भी शुरू हो गया हैं। जिसके चलते कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने कमान संभालते हुए विभिन्न क्षेत्रों में किसानों को भूसा न जलाने को लेकर जागरूकता अभियान शुरू कर दिया हैं।
इस अभियान के तहत बवानीखेड़ा हल्के के गांव चांग में कृषि एवं कल्याण विभाग द्वारा ई-रिक्शा के माध्यम से किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक किया गया। इस बारे में जानकारी देते हुए खंड कृषि विकास अधिकारी अनिल कुमार ने किसानों को जागरूक करते हुए बताया कि पराली जलाने से न केवल प्रदूषण फैलता है, बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति भी कमजोर होती है।
इसीलिए किसानों को चाहिए कि वे भूसा जलाने की बजाए इसे इंधन के रूप में फैक्ट्रियों को बेचा जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि कृषि अवशेषों को जलाने पर अढ़ाई हजार से लेकर 15 हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। इसीलिए किसानों को जुर्माने से बचने व अपनी भूमि की उपजाऊ शक्ति को बचाए रखने के लिए कृषि अवशेषों को नहीं जलाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कृषि अवशेषों को जलाने की बजाए उन्हे एकत्रित करना चाहिए। कृषि अवशेषों को एकत्रित करने वाली मशीनों के लिए सरकार 50 प्रतिशत अनुदान पर मशीनरी उपलब्ध करवाती हैं तथा कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना करने वाले किसानों को 80 प्रतिशत तक अनुदान देती है। इसीलिए किसानों को चाहिए कि पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए तथा साफ-स्वच्छ हवा को कायम रखने के लिए किसानों को पराली जलाने से बचना होगा, तभी पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सकता है।