शिमला सचिवालय के बाहर क्षत्रिय संगठन के कार्यकर्ताओं ने दी गिरफ्तारी, एससी एसटी एक्ट में किये गए संशोधन को बताया सवर्णों के खिलाफ

ख़बरें अभी तक: हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय संगठन ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और जातिगत आरक्षण की जगह आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग की है। क्षत्रिय संगठन ने शिमला सचिवालय के बाहर केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सड़क जाम कर गिरफ्तारियां भी दी। क्षत्रिय संगठन ने एससी एसटी एक्ट में किये गए संशोधन को सवर्णो के खिलाफ बताते हुए इसे तुरंत प्रभाव से निरस्त करने की मांग की। संगठन ने मांगो को लेकर शिमला से “जेल भरो आंदोलन” की शुरुआत भी की। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार के दबाव में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बिना जांच एट्रोसिटी एक्ट को लागू करने व आरक्षण के विरोध में देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने सचिवालय के बाहर गिरफ्तारियां दी।

संगठन का मानना है कि देश में जाति के आधार पर आरक्षण के बजाए आर्थिक आधार पर आरक्षण हो। क्योंकि जातिगत आधार पर आरक्षण से जरूरतमंदों को कुछ नहीं मिल रहा है जबकि सम्पन्न लोग ही इसका लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एससी एसटी एक्ट में जो प्रावधान किए है उनके तहत यदि कोई व्यक्ति झूठा मुकदमा भी दे देता है तो 24 घंटे के अन्दर गिरफ़्तारी जरूरी हो जाती है। ऐसे में इस एक्ट के तहत 85 फीसदी मामले झूठे बनाएं जाते है और व्यक्ति को छह माह तक कैद हो जाती है। इस एक्ट का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि इस एक्ट में संशोधन किया जाए ताकि झूठे मुक़दमे करने वालों के ख़िलाफ़ भी कार्यवाही हो सके।