दिल्ली से ननकाना साहिब तक निकलने वाला नगर कीर्तन स्थगित, जानें वजह

ख़बरें अभी तक। दिल्ली की सिख राजनीति में प्रभावशाली दो गुटों द्वारा अलग-अलग तारीखों में गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब तक निकाले जाने वाले नगर कीर्तन से संगत में पैदा हुई दुविधा को श्री अकाल तख्त साहिब ने दूर कर दिया है।

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा 13 अक्तूबर को दिल्ली से पाकिस्तान स्थित श्री ननकाना साहिब तक निकाले जाने वाले नगर कीर्तन को स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं।

साथ ही स्पष्ट कर दिया है की दिल्ली कमेटी नगर कीर्तन निकालने से पहले पूरे प्रबंध करे। पाकिस्तान सरकार द्वारा नगर कीर्तन गुरुद्वारा ननकाना साहिब तक ले जाने की स्वीकृति मिलने के बाद ही नगर कीर्तन के लिए नई तारीखों की घोषणा करे। गुरबाणी के प्रचार-पसार के लिए कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी दिल्ली कमेटी की है।

इसके साथ ही जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना की ओर से 28 अक्तूबर को गुरुद्वारा प्याऊ साहिब से श्री ननकाना साहिब तक नगर कीर्तन निकालने की आज्ञा दे दी है। जत्थेदार ने आदेश दिया है कि इस नगर कीर्तन की अगुवाई करने वाले पंज प्यारों व संगत का पूरा सम्मान किया जाए। नगर कीर्तन का सिख परंपराओं के अनुसार स्वागत किया जाए। पाकिस्तान सरकार ने एक ही नगर कीर्तन को श्री ननकाना साहिब तक जाने की अनुमति दी है।

सरना बताएं अब तक पालकी के निर्माण में कितना खर्च हुआ

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने परमजीत सिंह सरना से कहा कि श्री करतारपुर साहिब में सुशोभित की जाने वाली सोने की पालकी के निर्माण का कार्य तुरंत रोक दिया जाए। पालकी साहिब के निर्माण के लिए अलग-अलग गुरुद्वारा साहिब में लगी सभी गोलक हटा दी जाएं। उन्होंने पूछा है कि सोने की पालकी के निर्माण में संगत ने अब तक कितना सोना व माया भेंट की है। कितनी राशि पालकी पर खर्च की गई है, कितना सोना पालकी पर लगाया गया है उसकी जानकारी श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी जाए।

इस खर्च का विवरण अलग-अलग गुरुद्वारा साहिबान के बाहर एक फ्लैक्स बोर्ड के माध्यम से संगत को बताया जाए। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में सोने की पालकी साहिब सुशोभित करने का फैसला सिख विद्वानों व सिख संगठनों के साथ विचार-विमर्श के बाद पांच सिंह साहिब के बैठक में किया जाएगा।

पालकी साहिब में खर्च की जाने वाली धनराशि पाक के सिख बच्चों पर करें खर्च

ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बताया कि कुछ वर्ष पहले भी सरना की ओर एक सोने की पालकी गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में सुशोभित करने के लिए भेजी गई थी। यह पालकी साहिब गुरुद्वारा परिसर में पड़ी है। इसका प्रयोग नहीं हुआ है। उन्हें जानकारी मिली है कि सोने की पालकी दोनों सरकारों की सहमति के बिना नहीं भेजी जा सकती। उन्होंने सरना से कहा कि वह सोने की पालकी में खर्च की जाने वाली राशि व सोना पाकिस्तान में बसे सिख बच्चों व परिवारों पर खर्च करें।