रानिया: पुल नहीं तो वोट नहीं-नेताओं के आश्वासनों में ही उलझकर रह गया कुत्ताबढ़ माइनर का पुल

ख़बरें अभी तक। रानियां से 6 किलोमीटर दूर स्थित गांव कुत्ताबढ़ के लोगों की वर्षों पुरानी मांग घग्घर नदी पर पुल बनाया जाना आश्वासनों के झमेले में उलझ कर रह गया है। लगभग तीन दशकों से सत्ता में आने वाली हर सरकार के समक्ष कुत्ताबढ़ के ग्रामीणों ने फल्डी नहर पर पुल बनाए जाने की गुहार लगाई लेकिन आश्वासनों का झुनझुना थमाए जाने के सिवाय आज तक कुछ भी हाथ नहीं लगा है।

जिसके विरोध स्वरूप पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान गांव वासियों ने एकत्रित होकर मतदान का बहिष्कार किया। गांव वासियों द्वारा किए गए मतदान के बहिष्कार को लेकर तत्कालीन जिला उपायुक्त प्रभजोत सिंह व वर्तमान सांसद सुनीता दुग्गल ने गांव में पहुंचकर लोगों को आश्वस्त किया कि आचार संहिता हटते ही सर्वप्रथम इस पुल का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा जिसके उपरांत गांव वासियों ने उच्चाधिकारियों व सांसद सुनीता दुग्गल पर विश्वास जताते हुए मतदान आरंभ किया।

चुनाव के नतीजे आए ओर सुनीता दुग्गल सांसद बन गई जिसे काफी लंबा समय बीत जाने के उपरांत भी उन्होंने गांव वासियों की मुख्य मांग व समस्या की ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया ओर प्रशासन द्वारा किए गए वायदे पर किसी ने कोई गौर नहीं की हालांकि इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने एकत्रित होकर सांसद सुनीता दुग्गल से पुन. गुहार की। सांसद ने इस बार भी ग्रामीणों को एक बार फि र आश्वासन का झुनझुना थमा दिया।

इस मामले को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने एकत्रित होकर एक बैठक बुलाई। बैठक के दौरान पूर्व सरपंच त्रिलोक सिंह ने बताया कि इन विधानसभा चुनाव में सत्ता पक्ष के प्रत्याशी का खुलकर विरोध किया जाएगा तथा उसके खिलाफ  मतदान करने के लिए भी लोग एकजुट होकर फैसला लेंगे। गांव वासियों का कहना है कि उनके बच्चे, बेरोजगार युवा रानियां शहर में रोजगार काम धंधा करने के लिए रोजाना इसी मार्ग से आवागमन करते हैं।

पुल की व्यवस्था न होने के कारण लोगों को रोजाना मौत के मुंह से गुजरना पड़ रहा है इस अस्थाई पुल पर अब तक आधा दर्जनभर लोगों को अकाल मौत का शिकार होना पड़ा है। इसके अलावा घग्गर नदी में बरसाती सीजन में पानी का जलस्तर बढ़ जाता है ओर यह रास्ता बंद हो जाता है जिसके कारण उन्हें वाया ओटू होकर रानियां शहर में पहुंचना पड़ता है जिसके लिए उन्हें 22 किलोमीटर अतिरिक्त सफ र करना पड़ता है। इसमें उन्हें समय व आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है ग्रामीणों ने कहा कि पुल के माध्यम से रानियां शहर का सीधा संपर्क काफी नजदीक पड़ता है।