यहां पुलिस की जगह देवता करते है हजारों लोगों की भीड़ को नियंत्रित

ख़बरें अभी तक। आज तक हमने पुलिस को भीड़ नियंत्रण करते हुए देखा है, लेकिन कुल्लू दशहरा में एक ऐसा भी देवता भाग लेता है, जिनका नाम तो वैसे धूम्बल नाग है, पर उन्हें ट्रैफिक इंचार्ज की संज्ञा भी दी गई है। पूरे दशहरे में जहां लोगों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए सैंकड़ों के हिसाब से पुलिस के जवानों को बुलाया जाता है, वहीं रथ यात्रा के आरंभ से ही यह देवता धूम्बल नाग अकेले ही पूरी भीड़ को नियंत्रित करता है और दशहरा मैदान में उमड़ रही भीड़ को भी भगवान रघुनाथ के रथ से दूर रखने की कोशिश करता है।

रथ के सामने लोगों की भारी भीड़ होती है तो देवता स्वयं भगवान रघुनाथ के लिए रास्ता बनाते हैं

दशहरे का आरंभ हो या फिर समापन, जब भी भगवान रघुनाथ के रथ के सामने लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है तो यह देवता स्वयं भगवान रघुनाथ के लिए रास्ता बनाते हैं और लोगों की भीड़ को दूर करते हैं। यह परंपरा आज भी देखने को मिलती है। देवता का रथ लोगों की भीड़ को स्वयं हटाता है और इसी कारण इन्हें ट्रैफिक हवलदार के नाम से भी जाना जाता है। देवता के कारदार और पुजारी ने बताया कि जब दशहरे के दौरान काफी भीड़ होती है और तब पुलिस के जवान भी लोगों की भीड़ को हटाने में असमर्थ रहते हैं तो यह देवता अपनी पूरी शक्ति के साथ भीड़ को हटाकर भगवान रघुनाथ व स्वयं के लिए रास्ता बनाता है।

अशुद्धि होने पर अपने आप चल पड़ता है देवरथ

देवता के गुर गुप्त राम ने बताया कि जब कोई व्यक्ति मंदिर के आसपास गंदगी फैलाता है तो यह देव रथ अपने आप ही अपने स्थान से चलने लगता है, इस कारण इस देव रथ को बांध कर भी रखा जाता था। अब जब से देवता के लिए नए आसन की व्यवस्था की गई है, तबसे उन्होंने देवता के रथ को बांधना छोड़ दिया है। हालांकि अभी भी कई बार देवता का रथ अपने स्थान से स्वयं चलने लगता है। देवता के गुर गुप्त राम ने बताया कि काफी समय से वह भी यह देखते आए हैं कि जहां पर काफी भीड़ होती है वहां पर जाकर यह देवता उस भीड़ को हटाते हैं। उन्होंने बताया कि देवता के रथ में इतनी शक्ति है कि अगर देवता की इच्छा के बगैर कोई धार्मिक कार्य किया जाता है तो देवता का रथ स्वयं जमीन पर चलने लगता है।