हरियाणा की राजनीति के गब्बर कहे जाने वाले दबंग मंत्री अनिल विज का बयान

खबरें अभी तक। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने आज स्पष्ट कर दिया कि इस चुनाव में वह किसी डेरे के पास समर्थन लेने नहीं जाएंगे, और न ही वह कभी गए हैं, हालांकि विज ने अपनी इस प्रतिक्रिया को अपनी निजी प्रतिक्रिया बताया और पार्टी के फैसले पर अनभिज्ञता दिखाई।

हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक पारा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है। आरोप-प्रत्यारोप के उसी दौर में दुष्यंत चौटाला ने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा जेजेपी के उम्मीदवारों का किडनैप कर के उनसे नामांकन वापिस करवा रही है।

दुष्यंत के इस आरोप से तिलमिलाए अनिल विज ने भी दुष्यंत के आरोपों पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया, और उन्हें दो टुक जवाब दे डाला, कहा कि यह अपनी हार को देख कर पगला गया है, वो अपने खुले घूम रहे उम्मीदवार से जा कर पूछें कि उन्होंने नामांकन वापिस क्यों लिया।

दुष्यंत ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाए कि भाजपा ने प्रदेश में नौकरियों के नाम पर पैसे का खूब लेनदेन किया, विज ने दुष्यंत चौटाला के इन आरोपों पर विज फिर भड़क गए, और उन्होंने दुष्यंत पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके दादा इसी मामले में जेल में है। लिहाजा उन्हें यहीं सब दिखेगा जो कुछ वो करते रहें हैं ।

चुनावों में हर बार सभी पार्टियों द्वारा डेरों और धर्म गुरुओं की शरण लेने पर विज से जब यह पूछा गया कि क्या वह इस चुनाव में डेरे की शरण में जाएंगे,  तो विज ने दो टुक जवाब दिया कि वह कभी राजनीतिक समर्थन के लिए किसी धार्मिक स्थल पर नहीं गए, लेकिन उनकी पार्टी जाएगी या नहीं इसका उन्हें नहीं पता ।

विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा 75 पार के नारे और लगातार विपक्षी पार्टियों के नेताओं द्वारा भाजपा में शामिल होने पर भी विज ने अपनी प्रतिक्रिया दी विज ने कहा की हो सकता है कि 75 बार का यह नारा उससे भी बढ़कर आगे चला जाए लेकिन ऐसे में राजनीति करने में मजा नहीं आएगा कम से कम एक दो को तो जीत कर विपक्ष में बैठना चाहिए।