ख़बरें अभी तक। हिन्दु धर्म में दशहरा का विशेष महत्व है। इस बार पूरे देश में विजयादशमी का पर्व (आज) 8 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। नवरात्रि के खत्म होने बाद दशमी तिथि पर यह पर्व पूरे देश में पूरे हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग अस्त्र शस्त्र की भी पूजा करते हैं और इसी के साथ दीवापली की तैयारी भी शुरू हो जाती है।
दशहरा क्यों मनाया जाता है इस बारें में सभी अच्छी तरह से जानते है, जो नहीं जानते उनके लिए बता दें कि दशहरा इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। वहीं, विजयादशमी पर देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दशमी को ‘विजयादशमी’ के नाम से जाना जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान 14 वर्षों के वनवास में थे तो लंकापति रावण ने उनकी पत्नी माता सीता का अपहरण कर उन्हें लंका की अशोक वाटिका में बंदी बना कर रखा लिया था। श्रीराम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण, भक्त हनुमान और वानर सेना के साथ रावण की सेना से लंका में ही पूरे नौ दिनों तक युद्ध लड़ा। मान्यता है कि उस समय प्रभु राम ने देवी माँ की उपासना की थी और उनके आशीर्वाद से आश्विन मास की दशमी तिथि पर अहंकारी रावण का वध किया था।
दूसरी कथा के अनुसार असुरों के राजा महिषासुर ने अपनी शक्ति के बल पर देवताओं को पराजित कर इन्द्रलोक सहित पृथ्वी पर अपना अधिकार कर लिया था। भगवान ब्रह्रा के दिए वरदान के कारण किसी भी कोई भी देवता उसका वध नहीं कर सकते थे। ऐसे में त्रिदेवों सहित सभी देवताओं ने अपनी शक्तियों से देवी दुर्गा की उत्पत्ति की। इसके बाद देवी ने महिषासुर के आंतक से सभी को मुक्त करवाया। मां की इस विजय को ही विजय दशमी के नाम से मनाया जाता है।