नवरात्रि सातवां दिन: आज के दिन माँ कालरात्रि की विशेष रुप से की जाती है पूजा

ख़बरें अभी तक। शारदीय नवरात्र का आज सातवां दिन है। आज के दिन माँ दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। माँ कालरात्रि सदैव अपने भक्‍तों पर कृपा बनाए रखती हैं और अपने भक्‍तों को शुभ फल देती है। इसलिए माँ का एक नाम ‘शुभंकरी’ भी पड़ा। माँ अपने भक्‍तों के सभी तरह के भय को दूर करती हैं। माँ की कृपा पाने के लिए भक्‍तों को गंगा जल, पंचामृत, पुष्‍प, गंध, अक्षत से मां की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा माँ को गुड़ का भोग लगाएं।

मां कालरात्रि की पूजा का शुभ मुहू्र्त- अमृत काल मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 20 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। नवरात्रि के सातवें दिन सुबह नित्यकर्म निपटाने के बाद सबसे पहले नहा धोकर पूजा की चौकी पर काले रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चौकी पर मां कालरात्रि की प्रतिमा को स्थापित करें। पूजा शुरू करने से पहले माँ कालरात्रि को लाल रंग की चूनर ओढ़ाएं। इसके बाद माँ को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। श्रृंगार का सामान चढ़ाने के बाद माँ के सामने दीया जलाकर माँ की पूजा अर्चना करें। उसके बाद माँ कालरात्रि के प्रिय मंत्र का जाप करें।

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा.

बता दें कि नवरात्रि के सप्तमी तिथि में माँ कालरात्रि की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माँ कालरात्रि साधक के शत्रुओं का विनाश करने वाली हैं और हर परेशानी से भक्तों की रक्षा करती हैं। तंत्र साधकों के लिए माँ कालरात्रि की पूजा विशेष फल देने वाली होती है। यही वजह है कि तांत्रिक आधी रात में माँ कालरात्रि की विशेष पूजा करते हैं।