सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने पर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी

खबरें अभी तक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए लगातार अपील कर रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की कड़ी के तहत सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर दी। मगर लोग अभी भी सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर कन्फ्यूज हैं, उन्हें यह नहीं पता कि क्या बैन हो और क्या नहीं। इसी के तहत सिंगल यूज़ प्लास्टिक कैंपेन की शुरुआत देशभर में की गयी वहीं चंडीगढ़ में भी चंडीगढ़ के प्रशासक वी पी सिंह बदनोर द्वारा 3000 लोगों को शपथ भी दिलाई गयी। जिनमें वन विभाग ,एनएसएस ,स्कूली छात्रों ,नगर निगम ,चंडीगढ़ पुलिस ,चंडीगढ़ प्रशासन के कई कर्मचारियों ने प्लास्टिक त्यागने की शपथ ली। इस दौरान चंडीगढ़ के प्रशासक मनोज परीदा ,एसएसपी नीलाम्बरी जगदले ,मेयर राजेश कालिया मौजूद रहे।

सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करने के साथ ही सुझाव भी मांगे हैं। एडवाइजरी के अनुसार कई चीजों का इस्तेमाल बंद हो सकता है। इसमें प्लास्टिक बैग (हैंडल और बिना हैंडल वाले), प्लास्टिक की कटलरी, कप, चम्मच, प्लेट आदि शामिल हैं। चंडीगढ़ में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर कल से प्रशासन की सख्ती शुरू हो गयी है। यूटी प्रशासन ने एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-1986 के तहत सख्त प्रावधान रखे है। प्रावधानों के मुताबिक अगर प्लासि्टक का इस्तेमाल करना नहीं छोडा तो एक लाख रुपये तक का भारी जुर्माना देना पड़ सकता है और जेल तक जाना पड़ सकता है। यहां तक कि प्रशासन की नोटिफिकेशऩ में घर की बिजली औऱ पानी के कनेकशन काटने तक प्रावधान भी है। इसके साथ ही स्वच्छ चंडीगढ़ के साथ साथ फिट इण्डिया का सन्देश दिया गया।

र्यावरण निदेशक देविंदर दलाई ने कहा कि प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध 2008 में लगा था लेकिन सख्ताई नहीं थी और अभी लोगों में जागरूकता की कमी है इसलिए पहले जागरूक किया जायेगा।  इसके बाद जुर्माना किया जायेगा लेकिन लोगों को भी समझना होगा कि आखिर प्लास्टिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए घातक है।

वहीँ एनएसएस वॉलंटियर ने कहा कि प्लास्टिक इस्तेमाल के प्रति लोगों को संवेनदशील होने की आवश्यकता है क्यूंकि यह स्वास्थ्य को नुकसान देता है साथ ही पर्यावरण और जानवर जो उसी प्लास्टिक को खा लेते है उनके लिए भी नुकसानदायक है। इसलिए लोगों को शुरुआत घर से करनी चाहिए की सूखा और गिला कूड़ा अलग रखे। और प्लास्टिक की बजाय कागज का इस्तेमाल करें।