खरीद एजेंसियां और व्यापारी धान में नमी का बहाना बनाकर किसानों की धान सस्ते दाम में रहे है खरीद

खबरें अभी तक। खरीद एजेंसियां और व्यापारी धान में नमी का बहाना बनाकर किसानों की धान सस्ते दाम में रहे है खरीद ,धान की खरीद में धांधली का यह मुद्दा बन सकता है गले की फांस ,अधिकारियो की मिलीभगत से किसान कम दाम पर धान बिकने से खासे नाराज।

खरीद एजेंसियां और व्यापारी धान में नमी का बहाना बनाकर किसानों की धान सस्ते दाम में खरीद उन्हें चपत लगाने में जुटे है ,धान की खरीद में धांधली का यह मुद्दा गले की फांस बन सकता है लकिन किसे परवाह है  वहीं अधिकारियों की मिलीभगत से किसान कम दाम पर धान बिकने से खासे नाराज है. दरअसल हरियाणा सरकार ने धान खरीद के लिए एक अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की थी, लेकिन धान की अगेती आवक को देखते हुए 5 दिन पहले ही सरकारी खरीद शुरू कर दी गई है। बाकायदा सरकारी खरीद एजेंसियों को मंडियों में खरीद का निर्धारित जिम्मा सौंपा गया है।

इस बार केंद्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 1835 रुपए तय किया है, लेकिन किसानों को धान का पूरा मूल्य नहीं मिल रहा है। खरीद एजेंसियां और व्यापारी आढ़तियों के साथ मिलकर किसानों की धान औने पौने दामों पर खरीद रहे हैं। किसानों को 1835 की बजाय 1700 से लेकर 1800 रुपए के बीच तक का भुगतान हो रहा है। ऐसे में किसानों में जबरदस्त रोष है। हरियाणा में चुनावी दौर शुरू हो चुका है। 21 अक्टूबर को मतदान होना है। इस बीच धान की खरीद में धांधली का यह मुद्दा चुनाव में भी सरकार के गले की हड्डी बन सकता है। किसान कम दाम पर धान बिकने से खासे नाराज हैं। वही मंडी के जिमेवार अधिकारी मंडी सचिव राहुल महोदय कभी लिखित शिकायत नहीं मिलने और कभी मेरी जानकारी में बात नहीं कहकर जिमेवारी से पल्ला झाड़ते नजर आये