हिमाचल के इस गांव में दीवार पर गोबर,मिट्टी से बनाते हैं सांझी माता की प्रतिमा

ख़बरें अभी तक। शरद नवरात्रों को देश भर में पूरी श्रद्धा से मनाया जाता है। लेकिन सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन व् हरियाणा के सीमांत क्षेत्रों के साथ लगते इलाकों में नवरात्रि की शुरुआत माता सांझी से होती है। सांझी माता को सम्पूर्ण दुर्गा माता का रूप माना जाता है। नाहन में कुछ परिवार आज भी आधुनिकता के दौर में भी परम्परागत रूप से सांझी माता की प्रतिमा दीवार पर बनाते हैं। यह प्रतिमा चिकनी मिट्टी,गोबर,रुई से घर की दीवार पर बनाई जाती है व इसे रंगों व कपड़ों से सजाया जाता है।

नाहन में आज भी कायम है प्राचीन परम्परा,धन धन्य, शांति व खुशहाली की है प्रतीक

पुरे नौ दिन कीर्तन के साथ पूजा अर्चना की जाती है व् नौवें दिन इसका विसर्जन किया जाता है। आधुनिक दौर में कुछ लोग बाजार से कलेंडर लेकर भी सांझी को पूजते हैं। लेकिन सुनीता गुप्ता का परिवार आज भी परम्परागत ढंग से प्रतिमा बनाकर पूजा करते हैं। सांझी माता पुरे परिवार। पड़ोस व् नगर पर अपनी कृपा रखती हैं ऐसी  मान्यता है। सुनीता गुप्ता की सांझी प्रतिमा देखने के लिए व पूजा के लिए लोग पहुंचते हैं व नवरात्रि में सभी माता का पूजन करते हैं।

शरद नवरात्रों में होती है सांझी माता की पूजा,दीवार पर गोबर,मिट्टी से बनाते हैं प्रतिमा

वहीं सुनीता गुप्ता ने बताया कि वो पिछले कई वर्षों से अपने घर की दीवार पर मिट्टी, गोबर से सांझी बनाती आ रही हैं व् दूर-दूर से लोग यहां प्रतिमा देखने आते हैं। उन्होंने बताया कि आधुनिक लोग तो कलेंडर से पूजा करते हैं मगर वो सब यह खास प्रतिमा बनाकर ही पूजा करते हैं। इससे घर में व् आसपास खुशहाली आती है। वहीं उनकी बेटी ने बताया कि सांझी माता हर साल में एक बार यहां पर दीवार पर बनाई जाती है व सभी लोग मिलजुलकर माता की पूजा करते हैं, प्रतिमा बनाने में उन्हें बहुत आनंद मिलता है। उल्लेखनीय है कि घर की दीवार पर बनी यह सांझी की प्रतिमा इन दिनों सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है व लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं।