यूपी: माँ की गोद में सोए हुए बच्चे को सिरफिरे युवक ने ट्रेन से फेंका

ख़बरें अभी तक। अम्बेडकरनगर: वो बड़ा जालिम निकला जिसे न मां की ममता दिखाई दी और न ही एक मासूम की मासूमियत, वो इंसान नहीं शैतान है जिसने सीने लगाए बैठी एक माँ के कलेजे के टुकड़े को उससे छीन कर दौड़ती ट्रेन से बाहर फेंक दिया, बच्चा जिंदा है या फिर नहीं लेकिन उसकी माँ जिंदा लाश जरूर बन गयी है, बेसुध मां अपने बच्चे की सलामती की दुआ करते हुए रेल के पटरियों का चक्कर लगा रही है।

सरकार बुलेट ट्रेन चलाने का दम्भ भले ही भर ले लेकिन हकीकत ये है कि ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे ही है, अम्बेडकरनगर में एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसने सारी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिया है, चलती ट्रेन से एक महिला के बच्चे को एक सिरफिरे युवक ने उससे छीन कर उसके डेढ़ वर्षीय मासूम को ट्रेन के नीचे फेंक दिया, इस घटना के बाद बेसुध महिला अगले स्टेशन पर ट्रेन से नीचे उतर गई और अपने बच्चे की तलाश में बावली होकर उस तरफ भागी जिस तरफ सिरफिरे युवक ने उसके नवजात को ट्रैक के बाहर फेंका था।

फिलहाल इसकी सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है और महिला के फेंके गए मासूम की तलाश में सैकड़ों की संख्या में पुलिस के जवान रेलवे ट्रैक के आसपास की झाड़ियों में उस मासूम की तलाश कर रहे हैं, लेकिन 48 घंटे बीत जाने के बावजूद भी पुलिस अभी खाली हाथ ही है, वहीं महिला अपने बच्चे की आस में तड़प रही है लेकिन पुलिस उसे संभावना ही दे रही है, यह घटना 18 सितंबर की है,जब मालदा से दिल्ली जाने वाली फरक्का एक्सप्रेस में एक महिला पश्चिम बंगाल से अपने डेढ़ वर्षीय मासूम के साथ सवार हुई और वह दिल्ली अपने पति से मिलने के लिए जा रही थी।

फरक्का एक्सप्रेस की जनरल बोगी में अपने बच्चे के साथ बैठी इस महिला को शायद यह अंदेशा नहीं था कि उसके बगल बैठा युवक उसके नवजात डेढ़ वर्षीय मासूम को उससे छीन कर ट्रेन के बाहर फेंक देगा, लेकिन आखिरकार हुआ ऐसा ही ट्रेन जब अकबरपुर रेलवे स्टेशन से आगे के लिए बढ़ी तो गोसाईगंज रेलवे स्टेशन से पहले ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार में थी, इसी दरम्यान महिला के बगल बैठे इस सिरफिरे युवक ने महिला का गला दबाकर उसके डेढ़ वर्षीय मासूम को उसकी गोद से छीन लिया और फिर उसे चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। जिससे महिला सदमे में आ गयी और वह अगले स्टेशन पर यानी कि गोसाईगंज रेलवे स्टेशन पर उतरकर शोर मचाने लगी।

जिस पर वहां पर मौजूद जीआरपी पुलिस और स्थानीय लोगों ने उस सिरफिरे युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले दिया और महिला अपने लाडले की तलाश में ट्रेन से उतर कर ट्रेन की पटरीओं की उस तरफ भागी,जिस तरफ इस सिरफिरे युवक ने उसके मासूम को फेंका था, स्थानीय लोग और जीआरपी पुलिस भी महिला के साथ आगे बढ़ी, कुछ दूर तक रेल की पटरियों के आस पास झाड़ियों में बच्चे की तलाश स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने शुरू किया। लेकिन रात्रि होने के कारण बच्चे का कहीं अता पता नहीं चला।

मामले की सूचना पर रेलवे पुलिस के उच्चाधिकारी भी जिले में पहुंच गए और स्थानीय जीआरपी और पुलिस की मदद से आज सुबह से ही लगभग 100 से अधिक जवानों के साथ बच्चे की तलाश में सर्च अभियान चलाया गया जो अभी भी जारी है, लेकिन पुलिस अभी भी खाली हाथ ही है। अकबरपुर रेलवे स्टेशन से गोसाईगंज रेलवे स्टेशन के बीच 21 किलोमीटर की रेल पटरियों और उसके आसपास की झाड़ियों में सैकड़ों की संख्या में पुलिस और जीआरपी के जवान बच्चे की तलाश में जुटे हुए हैं।

फिलहाल अभी तक पुलिस को इस मामले में कोई सफलता हासिल नहीं हुई है, लेकिन इस घटना से यह साफ होता है कि रेलवे विभाग ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितना लापरवाह है, जिसका खामियाजा आज यह महिला भुगत रही है। वहीं जीआरपी पुलिस के सीओ भी इस घटना की गंभीरता को देखते हुए अकबरपुर रेलवे स्टेशन और गोसाईगंज रेलवे स्टेशन पर डेरा जमाए हुए हैं। उनका कहना है कि हमारी टीम बच्चे की तलाश में झुकी हुई है और जब तक हमें सफलता नहीं मिल जाती हम यह सर्च अभियान आगे भी जारी रखेंगे।