राहुल गांधी का rss पर निशाना

खबरें अभी तक।राहुल गांधी आजकल लगातार यात्रा में निकले हुए है ।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मेघालय यात्रा के दौरान बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा है. उन्होंने आरएसएस में महिलाओं की मौजूदगी पर एक बार फिर सवाल उठाया है.

 

राहुल गांधी ने कहा, “अगर आप महात्मा गांधी की तस्वीर देखेंगे तो आपको दोनों तरफ महिलाएं दिखेंगी. लेकिन मोहन भागवत की तस्वीर को देखिए तो बस आपको आस-पास मर्द ही दिखाई देंगे.”

 

राहुल ने कहा, “हम देश में आरएसएस की विचारधारा के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं. आरएसएस की विचारधारा महिलाओं से शक्तियां छीनने की है. आपने कितनी महिलाओं को आरएसएस के नेतृत्व के पदों पर देखा है? जवाब है ज़ीरो.”

सोशल मीडिया पर आरएसएस पर दिए राहुल गांधी के बयान की चर्चा है.

 

बीजेपी मेघालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, “राहुल गांधी ने अपने बयान से बापू की विरासत का अपमान किया है. हम इसकी निंदा करते हैं. कांग्रेस ने मेघालय के मातृवंशी समाज का अपमान करने का दुस्साहस किया है.”

 

रवींद्र मिश्रा ने लिखा है, “राहुल ने आरएसएस को जैसे घेरने की कोशिश और गांधी से तुलना की है. मुझे ये जानना है कि नेहरू के मंत्रिमंडल में कितनी महिलाएं थीं. 1885 से लेकर 2018 के बीच कितनी महिलाएं कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं?”

हरि प्रसाद सिंह लिखते हैं, “राहुल आजकल महिलाओं की चिंता में दुबले हो रहे हैं. संघ से पूछने के बजाय उन्हें देसी और विदेशी महिलाओं के साथ अपनी तस्वीरें दिखानी चाहिए. महिलाओं की इतनी चिंता है तो कांग्रेस ने तीन तलाक बिल का विरोध क्यों किया?”

 

डॉ. संजय सिंघल के हैंडल से लिखा गया, “अब ये तो सोच है अपनी-अपनी. बापू को महिलाओं का साथ पसंद था और संघ प्रमुख मोहन भागवत भारतीय संस्कृति के अनुसार महिलाओं को पूज्य मानते हैं.”

@KyaUkhaadLega हैंडल ने लिखा, “मुझे यकीन है कि महात्मा गांधी जहां होंगे, ये सुनकर दोबारा हे राम बोले होंगे.”

 

राज वसावा ने लिखा, “आरएसएस में भारतीय महिलाओं को 33 फीसदी रिजर्वेशन कब मिलेगा? क्या भारत माता की जय-जयकार करनेवाले मोहन भागवत भारत की महिलाओं को न्याय दिला पाएंगे?”

 

@108_kailash ने लिखा, “राहुल गांधी आरएसएस के बारे में कुछ नहीं जानते. उन्हें आरएसएस की शाखा में जाना चाहिए.”

 

नागेंद्र लिखते हैं, “महिला सशक्तिकरण की आपकी परिभाषा के हिसाब से तो विजय माल्या तो 21वीं सदी के गांधी कहलाएंगे.”

एसपी तिवारी लिखते हैं, “राहुल गांधी ने मोहन भागवत की तुलना महात्मा गांधी के साथ कैसे कर दी. मुझे नहीं लगता है कि भागवत जी भारत विभाजन के लिए तैयार हो सकते हैं जैसा गांधीजी ने किया था.”

 

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राहुल गांधी ने और क्या-क्या कहा

 

चुनावों में महिलाओं को टिकट देने और उनकी संख्या को बराबर करना कांग्रेस के मुख्य काम में से एक है.

मैं मेघालय में महिलाओं को पार्टी से जुड़ने के लिए न्योता देता हूं ताकि हम ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं में से पार्टी के उम्मीदवार चुन सकें.

बीजेपी, आरएसएस देश और ख़ासतौर पर उत्तर पूर्व में आपकी संस्कृति, भाषा और जीने के तरीकों को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है.