डार्क जोन क्षेत्र में किसानों के लिए कारगर सिद्ध हुई सूक्ष्म सिंचाई परियोजना

ख़बरें अभी तक।  हरियाणा में भू-जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। सरकार ने प्रदेश में 36 ब्लॉक डार्क जोन वाले इलाके माने हैं जहां भू-जल का स्तर बहुत अधिक गिर गया है। डार्क जोन वाले इलाकों में सरकार द्वारा भू-जल का स्तर संतुलित बनाये रखने के लिए शुरू की गई सूक्ष्म सिंचाई परियोजना किसानों के लिए कारगर सिद्ध हो रही है। किसानों को अब अपनी फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए सिंचाई की पूर्ति होने लगी है। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपना रहे किसान अब अन्य किसानों को भी जागरूक करने में जुटे हैं।

गौरतलब हो कि प्रदेश के 14 जिलों अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, चरखी दादरी, रिवाड़ी, महेन्द्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत, जींद में डार्क जोन वाले ब्लाक हैं। डार्क जोन के रूप में घोषित क्षेत्रों में पानी के अति दोहन पर रोक लगाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने किसानों को प्रोत्साहन उपलब्ध करवाकर इन क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई को व्यापक प्रोत्साहन देने की योजना बनाई है। योजना को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारियां लगाई गई थी। किसानों द्वारा अपनाई गई सिंचाई प्रणाली में इस बदलाव से न केवल पारिस्थितिकी संतुलन कायम रखने में मदद मिली है, बल्कि ऊर्जा संरक्षण को भी बढ़ावा मिला है।

कृषि विशेषज्ञ राजेंद्र कौशिक का कहना है कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली योजना डार्क जोन से प्रभावित किसानों के लिए कारगर सिद्ध हो रही है। इस योजना को अपनाने वाले किसान अब खेती के संकट से उभर रहे हैं। सरकार की इस योजना को लेकर किसानों को जागरूक किया जाए तो डार्क जोन प्रभावित क्षेत्रों में भी खेती करना फायदेमंद होगा।