14 साल पहले अंतरिक्ष में हादसे का शिकार हुई कल्पना चावला की मौत से जुड़ा है ये बड़ा राज

 खबरें अभी तक। 14 साल पहले आज ही के दिन भारत की पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री कल्पना चावला हादसे का शिकार हो गई थी. साल 2003 में मिशन कोलंबिया को पूरा करने के बाद वो अपने 7 साथियों के साथ धरती पर लौट ही रही थी जैसे ही कोलंबिया स्पेस शटल ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, वैसे ही उसकी उष्मारोधी परतें फट गईं और यान का तापमान बढ़ने से यह हादसा हुआ. कल्पना समेत उनके सभी साथियों की मौत हो गई लेकिन अभी तक आप इसके अधूरे सच से ही वाकिफ होंगे चलिए आज हम आपको इस यान दुर्घटना के सच्चाई से रूबरू कराते हैं.

 

कोलंबिया स्पेस शटल के उड़ान भरते ही पता चल गया था कि ये सुरक्षित जमीनपर नहीं उतरेगा. कल्पना ही नहीं, उनके  7 यात्रियों का अंत भी डिस्कवरी की उड़ान के साथ तय हो चुका था. 16 दिन ये लोग मौत के साये में रहे. नासा सब जानता था लेकिन उसने किसी को को कुछ नहीं बताया. इसका खुलासा मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर वेन हेल ने किया है.

अंतरिक्ष यात्रा के 16 दिन तक हर पल मौते के साये में स्पेस वॉक करती रहीं कल्पना चावला और उनके 6 साथी. उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई कि वो सुरक्षित धरती पर नहीं आ सकते। वो जी जान से अपने मिशन में लगे रहे, वो पल-पल की जानकारी नासा को भेंजते रहे लेकिन बदले में नासा ने उन्हें एहसास तक नहीं होने दिया.

उन्होंने कहाँ की नासा के वैज्ञानिक दल नहीं चाहते थे कि मिशन पर गए अंतरिक्ष यात्री घुटघुट अपनी जिंदगी के आखिरी लम्हों को जिएं.  इसलिये उन्होंने बेहतर यही समझा कि हादसे का शिकार होने से पहले तक वो मस्त रहे. मौत तो वैसे भी आनी ही थी.  वेन हेल के मुताबिक, अगर अंतरिक्ष यात्रिय़ों को जानकारी होती तो भी वो कुछ नहीं कर सकते थे. हद से हद ऑक्सीजन रहने तक वो अंतरिक्ष का चक्कर ही लगा सकते थे, ऑक्सीजन खत्म होने पर वैसे भी उनकी जान चली ही जाती.  ये खुलासा इतना सनसनीखेज है कि कई लोग इस पर यकीन करने को तैयार नहीं. कोलंबिया स्पेस शटल की फ्लाइट इंजीनियर कल्पना चावला के पिता ने भी इसे खारिज कर दिया है.