उत्तराखंड: नारी निकेतन मामले में कोर्ट ने सुनाई सज़ा, 9 आरोपियों को दिया दोषी करार

ख़बरें अभी तक: 4 साल पहले उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के नारी निकेतन में मूक बधिर युवतियों के साथ दुष्कर्म और गर्भपात मामले में अदालत ने सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है। उत्तराखंड के चर्चित नारी निकेतन यौन शोषण मामले में कोर्ट ने आज दोषियों को सजा सुनाई। मुख्य आरोपी गुरदास को 7 साल की सजा और 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। वहीं, हासिम और ललित बिष्ट को 5-5 साल की कैद और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। शमा निगार, चंद्रकला, किरण और अनिता मैंदोला को 4- 4 साल की कैद और 10-10 हजार जुर्माना। तत्कालीन अधीक्षक मीनाक्षी पोखरियाल और कृष्णकांत को 2- 2 साल की सजा और 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

वहीं मीनाक्षी और कांछा को जमानत मिल गई है। बता दें कि 2015 में नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म, गर्भपात कराने और भ्रूण को ठिकाने लगाने के आरोप में अदालत ने 30 अगस्त को सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया था। अपर जिला जज षष्ठम धर्म सिंह की अदालत ने आज सजा का एलान किया हैं। दोषी करार हुए आरोपियों में तत्कालीन अधीक्षिका समेत 9 लोग शामिल हैं। ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश 6 की कार्ट ने दुष्कर्म के मुख्य आरोपी गुरुदास को 7 साल की सज़ा और 10 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया।23 लोगों की गवाही के बाद आखिरकार संवासनियों को इंसाफ मिल गय। फैक्स के आधार पर शुरुआत में साक्ष्य के तौर पर पुलिस के पास केवल फैक्स था जिसके बाद जांच शुरू की गई और 4 साल की चली जांच के बाद आखिरकार संवासनियों से दुष्कर्म और गर्भपात कराने में  9 लोगों को अदालत ने दोषी पाया है।