आजादी के 73 वर्ष बाद भी भाग्य रेखा को तरसता हिमाचल का ये गांव

ख़बरें अभी तक। हिमाचल के इस गांव लोग आजादी के 73 सालों बाद भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा को तरस रहे हैं। मनाली के अंतर्गत आने वाले डमचीन गांव में भाग्य रेखाएं रूठी हुई हैं, जिस वजह से यहां लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन गांवों में मरीजों व महिलाओं को प्रसव के दौरान पालकी ही एकमात्र सहारा है।

बता दें कि मनाली के इस गांव में कोई बीमार हो जाए या महिला को प्रसव हो तो उस दौरान पालकी के माध्यम से ही 4 से 5 किलोमीटर तक मरीजो को लेकर जाना पड़ता है। कई बार तो मरीज अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। उक्त गांवों के बाशिंदों का कहना है कि नेता चुनावों के दौरान आश्वासन देते हैं लेकिन चुनावों के बाद अपनी सूरत तक नहीं दिखाते। गांव के लोगों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।