ED ने हुड्डा पर कसा शिकंजा, अटैच किए 14 औद्योगिक प्लाट

ख़बरें अभी तक। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है जिससे अब हुड्डा की मुश्किलें बढ़ गई है। पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले में वीरवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने उन सभी 14 प्लाटों को अटैच कर दिया है, जिन्हें हुड्डा ने अपने संबंधियों, जान पहचान के लोगों तथा प्रभावशाली व्यक्तियों को आवंटित किए थे। 30 करोड़ 34 लाख रुपये कीमत के यह औद्योगिक प्लाट मनी लांड्रिंग मामले में अटैच किए गए हैं।

बता दें कि ED ने अपने ट्वीटर हैंडल पर औद्योगिक प्लाट अटैच करने की पुष्टि की है। ED ने यह कार्रवाई तब की जब हुड्डा हरियाणा कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के लिए सोनिया गांधी के पास मिलने गए हुए थे। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने पंचकूला में औद्योगिक प्लाट जनवरी-2012 में अलॉट किए थे। हुड्डा पर पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने करीबियों और चेहतों को औद्योगिक प्लॉट अलॉट किए।

नियमों के साथ न केवल छेड़छाड़ की गई बल्कि उन्हें अलॉटियों के हिसाब से बदला भी गया। यह प्लॉट 496 वर्गमीटर से लेकर 1280 वर्गमीटर साइज के थे। प्राधिकरण ने प्लॉट आवंटन के लिए पहले आवेदन मांगे गए थे। कुल 582 आवेदन आए थे। इनमें से ही 14 का चयन किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सरकार में यह केस स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया। विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट पर बड़ा एक्शन लेते हुए सरकार ने मामला CBI के हवाले कर दिया।

CBI ने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद 19 दिसंबर 2015 को प्लाट आवंटन मामले में केस दर्ज किया। इसमें पूर्व सीएम हुड्डा के अलावा सभी अलॉटियों व कई अधिकारियों को पार्टी बनाया गया। बाद में इस मामले में ED ने भी केस दर्ज किया। CBI ने मई-2016 में इस मामले को लेकर डेढ़ दर्जन से अधिक जगहों पर रेड मारी। विजिलेंस ने उस समय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक रहे डीपीएस नागल, तत्कालीन मुख्य वित्तीय नियंत्रक एससी कांसल व उपाधीक्षक बीबी तनेजा के खिलाफ भी पर्चा दर्ज किया था। अब इन सभी प्लाटों को अटैच कर दिया गया है, जिससे हुड्डा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।