राहु और शनि रोग कारक ग्रह है, इसलिए यह ग्रह रोग जरूर देता है, जानिए उपाय

ख़बरें अभी तक। यदि आप पर राहु की दशा है तो नाराज ना होए। आज की इस ख़बर में हम आपको राहु दशा को दूर करने के उपाय बताएंगे। जिससे आपकी जीवन की सारी परेशानी खत्म हो जाएंगी। बता दें कि राहु ग्रह भगवान शिवशंकर के परम आराधक है। इसलिए जब भी कोई व्यक्ति राहु से परेशान है तो उसको शिव की आराधना करनी चाहिए। घर के बुजुर्ग यदि इसके उपाय करें तो इसका लाभ अधिक जल्दी होता है। इससे घर की सारी परेशानी दूर हो जाती है। सारी बिमारियां में दूर हो जाती है। राहु घर में बिमारियां लाता है। यदि आप भी बिमारियों से परेशान है तो आपको इसके उपाय करने चाहिए। और शिव की अराधाना करनी चाहिए।

राहु को छाया ग्रह कहा जाता है राहु श्याम वर्ण की किरणें निरन्तर पृथ्वी पर छोड़ता रहता है, यह मिथुन राशि में उच्च का होता है, धनु राशि में नीच का होता है, राहु और शनि रोग कारक ग्रह है, इसलिये यह ग्रह रोग जरूर देता है। काला जादू तंत्र टोना आदि यही ग्रह अपने प्रभाव से करवाता है। अचानक घटनाओं के घटने के योग राहु के कारण ही होते है, और षष्टांश में क्रूर होने पर ग्रद्य रोग हो जाते है। राहु ब्रह्माण्ड का दृश्य रूप है। अगर आपके जन्मांक में राहु, चंद्र, सूर्य को दूषित कर रहा है तो जातक को शिव साहित्य जैसे- शिवपुराण आदि का पाठ करना चाहिए।

सोमवार को व्रत करने से भी भगवान शिवशंकर प्रसन्न होते हैं। अतः सोमवार को शिव आराधना पूजन व्रत करने के पश्चात, शाम को भगवान शिवशंकर को दीपक लगाने के पश्चात्‌ सफेद भोजन खीर, मावे की मिठाई, दूध से बने पदार्थ ग्रहण करना चाहिए। राहु महादशा में सूर्य, चंद्र तथा मंगल का अंतर काफी कष्टकारी होता है, अतः समयावधि में नित्य प्रतिदिन भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाकर दुग्धाभिषेक करना चाहिए। जातक को ॐ नमः शिवाय मंत्र का नाम जाप लगातार करते रहना चाहिए।

शनिवार के दिन सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख ले कर आयें पंख के नीचे भूरे रंग का धागा बांध लें एक थाली में पंखों के साथ दो सुपारियां रखें गंगाजल छिड़कते हुए 21बार ये मंत्र पढ़ें “ॐ राहवे नम: जाग्रय स्थापय स्वाहा:” चौमुखा दिया जला कर राहु को अर्पित करें. कोईभी मीठा प्रसाद बना कर चढ़ाएं। राहु का जाप मंत्र :- “ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहुवे नम:॥” यह मंत्र 18000 बार रोजाना, शांति मिलने तक जाप करना चाहिए।

अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है। प्रतिदिन सुबह चन्दन का टीका भी लगाना चाहिए। अगर हो सके तो नहाने के पानी में चन्दन का इत्र डाल कर नहाएं। शनिवार को कोयला, तिल, नारियल, कच्चा दूध, हरी घास, जौ, तांबा बहती नदी में प्रवाहित करें। बहते पानी में शीशा अथवा नारियल प्रवाहित करें। नारियल में छेद करके उसके अन्दर ताम्बे का पैसा डालकर नदी में बहा दें। नदी में लकड़ी का कोयला प्रवाहित करें। नदी में पैसा प्रवाहित करें। एक नारियल + 11 बादाम (साबुत) काले वस्त्र मेंबांधकर जल में प्रवाहित करें। हर बुधवार को चार सौ ग्राम धनियां पानी में बहाएं। काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं।

मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है। यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी नहीं परेशान करता है, मोरपंख की पूजा करें या हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखें। रात को सोते समय अपने सिरहाने में जौ रखें जिसे सुबह पंक्षियों को दें। गिलहरी को दाना डालें। दो रंग के फूलों को घर में लगाएं और गणेश जी को अर्पित भी करें। हर मंगलवार या शनिवार को चीटियों को मीठा खिलाएं। शनिवार के दिन अपना उपयोग किया हुआ कंबल किसी गरीब को दान करें। शिवजी पर जल, धतुरा के बीज, चढ़ाएं और सोमवार का व्रत करें। अगर आपकी कुंडली में भी राहु और शनि एक साथ बैठे है तो यह उपाय करे। हर रोज मजदूरों को तम्बाकु की पुडिया दान दे। ऐसा 43 दिन करे आपको कभी यह योग बुरा फल नहीं देगा।