24 साल की बेटी को जंजीरों से जकड़ कर रखती है उसकी मां

खबरें अभी तक। अमृतसर शहर के रंजीत एवेन्यू के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के सामने एक घर में रहने वाली 24 वर्षीय युवती नशा न मिलने पर छटपटाने लगती है। गरीब मां ने बेटी को नशे से दूर रखने लिए बेेबसी में युवती को लोहे की जंजीरों में बांध दिया। छह बहनों में सबसे छोटी यह युवती अब जंजीरों में जकड़े जाने के बाद नशे के लिए तड़प रही है।

युवती को जंजीर में बांधकर रखने की सूचना मिलने पर उसके घर पहुंची पुलिस टीम ने उसकी मां से इस बारे में पूछताछ की। मां ने कहा कि बेटी को जंजीरों में बांधना उसकी मजबूरी है। वह किसी भी समय घर से निकल जाती थी और नशा करके ही लौटती थी। उन्हें डर था कि नशे के लिए वह कोई गलत कदम न उठा ले। उसका इलाज भी करवाया लेकिन हालत नहीं सुधरी। उसकी नशे की लत लगातार बढ़ रही है।

पुलिस टीम ने युवती की मां से उसे नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल करवाने की बात भी कही तो उसकी मां ने कहा कि वह खुद उसे नशा से मुक्ति की दवा खिला रही है। अगर दस दिन में सुधार न आया तो वह उसे नशा मुक्ति केंद्र भेज देगी। पांचवीं पास युवती छह बहनों व एक भाई में सबसे छोटी है। कुछ वर्ष पूर्व पिता का देहांत हो गया था। इसके बाद वह घर का खर्च चलाने के लिए चंडीगढ़ के एक ब्यूटी पार्लर में नौकरी करने चली गई।

उसकी मां के अनुसार वह घर का खर्च चला रही थी, लेकिन बाद में उसने पैसे भेजने बंद कर दिए। उन्हें लगा कि शायद चंडीगढ़ में उसका ज्यादा खर्च हो रहा होगा, लेकिन एक दिन जब वह घर आई तो उसकी आंखें लाल थी और होश गुम थे। रात को वह सो गई और अगली सुबह नौ बजे तक नहीं उठी तो उन्हें शक हुआ कि कहीं इसने नशा तो नहीं किया।

मां ने बताया कि शक पर बेटी से नशे आदि के बारे में पूछा, लेकिन उसने इससे इन्कार कर दिया। जब ऐसा बार बार होने लगा तो सख्ती से पूछने पर उसने बताया कि वह हेरोइन का नशा करती है। मां के अनुसार वह लोगों के घरों में काम कर बच्चों का पेट पालती है। नशे की लत ने बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी। अब वह किसी तरह बेटी को नशे के दलदल से बाहर निकालना चाहती है।

पर अजीत सिंह गाने कहा है कि वह इस मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात करेंगे और नशा तस्करी करने वाले लोगों को जड़ से खत्म करेंगे मैं इस मौके पर लड़की के इलाज के लिए उन्होंने कहा कि वह उनके परिवार को विश्वास लाते हैं कि लड़की का इलाज और दवाई का खर्चा सरकारी होगा।