हिमाचल पर्यटन निगम के होटलों को लीज पर देने के मामले में CM ने दी सफाई, कहा सरकार ने लीज पर नहीं दिया कोई भी होटल

ख़बरें अभी तक: हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम के 114 होटलों को लीज पर देने के मामले पर सत्ता पक्ष एवम विपक्ष आमने सामने आ गया है। इस मुददे को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। विपक्ष ने हिमाचल सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए है और इस तरह के फैसलों से प्रदेश के हितों को बेचने का आरोप लगाया है। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन निगम की बेशकीमती संपत्तियों को बेचने के मंसूबे पाले हुए है और इसका गुपचुप मसौदा भी तैयार कर दिया है। सरकार के हिमाचल ऑन सेल कैंपेन को लेकर कांग्रेस ने पहले ही हिमाचल बचाओ अभियान चलाने का निर्णय ले लिया था। अब यह मामला गुप्त नहीं रह गया है क्योंकि इन्वैस्टर मीट को लेकर तैयार की गई राइजिंग हिमाचल की वैबसाइट में पर्यटन के 14 होटल बेचने का मसौदा डाला गया है।

सीएम के इर्द-गिर्द रहने वाली चंद गैर-हिमाचली अधिकारियों की चौकड़ी हिमाचल के हितों के खिलाफ जा रही है और हिमाचल को बेचने का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है जिसे कांग्रेस होने नहीं देगी। होटलों को लीज पर देने की बात सामने आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसको लेकर बैठक भी की है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि पर्यटन निगम के होटलों को बेचने का सवाल ही नही उठता है। प्रदेश सरकार ने पर्यटन निगम के घाटे में चल रहे होटलों की सूची जरूर बनाई है। इसको लेकर अभी तक किसी तरफ़ का कोई अंतिम फैसला नहीं लिया लिया है और न ही कैबिनेट में इस मामले को लाया गया है। होटलों की सूची को गलती से वेबसाइट में डाल दिया गया था इसमें किसकी गलती है इसकी जांच की जाएगी। लैंड सिल्लिंग एक्ट में सरकार ने किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया है। लैंड सिल्लिंग एक्ट का सबसे ज़्यादा उल्लंघन कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ है जिसका जबाब सदन में दिया जाएगा।