क्या चंदन का हिन्दु होना गुनाह था

खबरें अभी तक।कासगंज हिंसा में मारा गया चंदन हमारे देश का वह लड़का था जो देश के लिए मर मिटने की कसम खाया करता था.लेकिन एक बंदूक की गोली ने उसके इस जूनून को हमेशा के लिए खामोशी कर दिया एक ऐसा लड़का जो तिरंगा लेकर अपने देश का मान बढ़ाना चाहता था,

लेकिन किसे मालूम न था कि उसका यही जूनून और देश के प्रति प्रेम उसे हमेंशा के इस देश से दूर कर देगा ,आखिर चंदन की क्या गलती थी उसने एक तिरंगा ही तो हाथ में लिया था,

उसके घर वाले शायद यह उम्मिद कर रहे होगे की चंदन बड़े होकर उनके परिवार का पालन पोषण करेगा,चंदन के परिवार को शायद उससे बहुत उम्मिद थी कि चंदन उसकें मां बाप के बुढ़ापे का सहारे बनेगा परन्तु हत्यारों की बन्दुक से निकली गोली ने उसके मां बाप के सपनों को हमेशा – हमेशा के लिए तोड़ दिया. अब चंदन हमेशा के लिए खामोश है.और उसके मां बाप उसके याद में कहीं रो रहे होंगो.

लेकिन गोली चलाने वाले राक्षसों को यह पता नहीं चलता कि किसी की जान लेना कितना बड़ा पाप होता है.चंदन तो अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसकी यादे और देश के प्रति वह प्रेम हमें  हमेशा  प्रेरणा देता रहेगा.कि किस तरह से एक युवा लड़का जिसका जीवन अभी शुरू तक नहीं हुआ था, जो जीना सीख रहा था, कट्टरपंथियों के हाथ चड़ जाता है।

क्या उसका हिन्दु होना गुनाह था,क्या बंदे मातरम का नारा लगाना गुनाह,क्या हाथ में तिरंगा लेना गुनाह था.अगर ये सब गुनाह नहीं था तो फिर क्यों उन गुनेहगारों ने उसे अपनी गोली का शिकार बना दिया यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाव शायद हमारे पास भी नहीं हो.