आज से देश में ई-वे बिल की व्यवस्था लागू

खबरें अभी तक।15 जनवरी से 50 हजार रुपए से अधिक मूल्य के माल के परिवहन के लिए प्रायोगिक तौर पर बिहार समेत पूरे देश पर ई-वे बिल की व्यवस्था 1 फरवरी से पूर्ण रूप से लागू हो गई है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 1 फरवरी से माल की आवाजाही के लिए पूरे देश में ई-वे बिल अब अनिवार्य होगा.

नई व्यवस्था के अंतर्गत अब ₹50 हजार से अधिक मूल्य के माल के अंतर्रराज्यीय परिवहन तथा राज्य अंतर्गत ₹2 लाख मूल्य से अधिक के माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल की आवश्यकता होगी. बुधवार को पटना स्थित मुख्य सचिवालय सभागार में नई व्यवस्था को लॉन्च करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि अब अलग-अलग राज्यों में माल के परिवहन के लिए अलग से ट्रांजिट पास की जरूरत नहीं होगी.

सुशील मोदी ने बताया कि वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी माल लदे वाहनों की जांच कर सकेंगे, मगर किसी भी वाहन को 30 मिनट से ज्यादा नहीं रोकेंगे.

मोदी ने कारोबारियों और परिवहन कर्ताओं से राजस्व संग्रह में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि ई-वे बिल जनरेट करना काफी सरल प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था लागू होने से पहले राज्य में “सुविधा” के नाम से लागू प्रणाली में रोड परमिट लेने के लिए 26 प्रकार की सूचनाएं देनी होती थी, जबकि राष्ट्रीय ई-वे बिल के अंतर्गत केवल 9 तरह की ही सूचनाएं देनी पड़ेंगी. मोदी ने बताया कि जीएसटी से बाहर पेट्रोलियम उत्पाद के परिवहन के लिए ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी.

गौरतलब है कि ई-वे बिल की व्यवस्था पहले 1 अप्रैल से लागू होने वाली थी, मगर जीएसटी लागू होने के बाद देशभर में चेक पोस्ट समाप्त कर देने से बगैर कर चुकाए माल के आवाजाही से राज्यों को राजस्व का काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था और इसके मद्देनजर जीएसटी काउंसिल ने 1 फरवरी से ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया था. प्रयोग के तौर पर कर्नाटक में पिछले साल सितंबर से ही ई-वे बिल कि प्रक्रिया लागू कर दी गई थी, जो काफी सफल रही.