मुसलमानों को अच्छी शिक्षा मिलेगी तो जनसंख्या पर लगाम लग सकेगी,मगर सरकार चाहती है मुसलमान अनपढ़ रहें: मुफ़्ती ज़ाहिद

ख़बरें अभी तक। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से जनसंख्या को नियंत्रण करने को लेकर दिए गए भाषण के बाद अब यूनिफार्म सिविल कोड लाने जैसे क़यास लगने शुरू हो गए हैं। चर्चा चल रही है जैसे केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 का सफ़ाया किया है, उसी प्रकार से यूनिफार्म सिविल कोड कानून बढ़ती जनसंख्या को काबू में रखने के लिए लाया जा सकता है। इन्हीं सब क़यासों व बातों पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्कॉलर्स ने मोदी सरकार को इस बात पर घेरा है।

उन्होंने कहा कि मुसलमानों को उच्च शिक्षा अगर मिलेगी तो निश्चित ही वह अपने स्तर से जनसंख्या पर लगाम लग पाएंगे। मगर केंद्र सरकार चाहती है कि मुसलमान अशिक्षित रहें,जाहिल रहें,अनपढ़ रहें।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सुन्नी थेयोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व चेयरमैन व एएमयू के रिसर्च स्कॉलर छात्र ने कहा कहा कि फ़र्ज़ी देशभक्ति के नाम पर सड़कों पर कैसे मुसलमान मारे जाएंगे? अगर मुसलमान बच्चे नहीं होंगे तो फिर किसको ये लोग बीच सड़कों पर गौकशी व गौहत्या सहित फ़र्ज़ी देशभक्ति के नाम मारेंगे। ये बहुत ही निंदनीय है जो हो रहा है।

उन्होंने कहा कि जब सब कुछ संविधान के हिसाब से चल रहा हज तो यूनिफार्म सिविल कोड लाने की क्या आवयश्कता है। इस्लाम मे जनसंख्या से संबंधी को मनाही जैसी बात नहीं है। ये स्थिति पर निर्भर करता है। योगी जी इस पर कुछ न बोलें न तो उनकी बीवी है,न उनके बच्चे हैं,शादी उन्होंने की नहीं है। जिसके वास औलाद है वो इस बात और कुछ कह सकते हैं। देश मे मुसलमानों को गौहत्या के नाम पर,देश विरोधी नारे लगाने के नाम पर,मुज़फ़्फ़रनगर हो या गुजरात या फिर कश्मीर में वैसे ही मार रहे हैं। मुसलमान देश मे वैसे ही कम हो रहा है।