जलसंग्रहण में बिरला पंचायत बनी अग्रणी,प्राचीन बांवड़ीयों का किया कायाकल्प

ख़बरें अभी तक। जल ही जीवन है और इसे कैसे स्वच्छ और संग्रह किया जाए इसका उदाहरण जिला सिरमौर की बिरला पंचायत ने दिया है व् अन्य लोगों के लिए भी मिसाल बनकर उभरी है। जल की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार जलशक्ति अभियान के तहत विशेष कार्य कर रही है ताकि लोगों को जल के महत्व को समझाया जा सके। इस अभियान से लोग जल की जरूरत को समझ रहे हैं और सभी सरकार के साथ प्रयास करने में जुटे हुए हैं। सिरमौर जिला में नाहन विधानसभा क्षेत्र के तहत बिरला एक ऐसा गांव हैं जहां पर लोगों की सहभागिता से जल संकट को दूर करने का एक सार्थक प्रयास किया गया है।

दरअसल धारटीधार क्षेत्र का यह गांव काफी समय से जलसंकट से गुजर रहा था। यहां गर्मियों में पानी से जुडी समस्याएं स्थानीय लोगों को झेलनी पड़ती थी। लेकिन ग्रामीणों यंहा स्थित प्राचीन बांवड़ी जहां प्राकृतिक स्रोत्र से पानी आता है उसका जीर्णोद्धार करने का फैसला किया और उसे आधुनिक रूप से बनाया। आज यह बांवड़ी पुरे क्षेत्र में एक आदर्श बांवड़ी के रूप में उदाहरण बनी हुई है। बांवड़ी को साफ सुथरा किया गया व् उसपर गेट लगाया गया ताकि स्वच्छ्ता रहे व् पशु आदि भी उसमे ना जा पाएं। पानी भरने को अलग से एक पाइप से नल जोड़ा गया है और बाहर आराम से पानी मिलता है।

लोगों का कहना है कि अब जलशक्ति अभियान से वो इस बांवड़ी को और अधिक सुंदर व् आकर्षक बनाने के साथ इसे उपयोगी भी बनाएंगे। प्रधान सुनील शर्मा ने बताया कि इलाके में पानी की समस्या को देखते हुए सभी के सहयोग से इस बांवड़ी को सुधारा गया है व् इसका आधुनिकीकरण किया गया है। अब सभी को शुद्ध पेयजल मिल रहा है व् साथ ही व्यर्थ पानी को संग्रहित करके खेतों में सिंचाई हेतु प्रयोग किया जा रहा है। वहीं खंड विकास अधिकारी अनूप शर्मा ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत नाहन विकासखंड में प्राचीन जलस्रोत्रो को सरंक्षित किया जा रहा है और यह बांवड़ी भी उसी में सम्मलित है। इसके इलावा भी सभी जल स्रोतों को सरंक्षित किया जायेगा।