जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर ग्रामीण व स्कूली छात्र

ख़बरें अभी तक। आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं यह तस्वीर उन सभी विकास के दावों की पोल खोल रहे हैं जो भाषणों में सुनाई देते हैं स्कूली छात्र अध्यापक कैसे अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। सिरमौर जिला का पांवटा साहिब से साथ लगते पलहोड़ी गांव में बसे लोग पिछले तीन दशकों से एक पुल की मांग कर रहे है। लेकिन डिजिटल इंडिया के इस दौर अब तक यह बेसिक मांग पूरी नहीं हुई है।

बिना पुल के विकास के कार्य ठप पड़े हैं

पुल का ना होना केवल मुश्किल ही नहीं बल्कि इनके लिए हर दिन एक जोखिम बना रहता है। बरसात होते ही ना सिर्फ इस नदी का पानी का स्तर बढ़ जाता है,  पानी का बहाव इतना तेज़ होता है कि लोगों को अपनी जान जोखिम में डाल कर नदी पार करनी पड़ती है। क्या महिलाएं क्या बुज़ुर्ग, क्या स्कूली बच्चे, सबको इस नदी को पार कर जाना पड़ता है।

सैंकड़ों लोगों ने हर दरवाज़े से अब तक मायूस लौटी है

क्षेत्र के लोगों ने हर दरवाज़ा खटखटया मगर कोई मदद नहीं मिली। विधायक से लेकर जिला प्रशासन तक इनकी फरियाद अनसुनी रही। गांव के एक बुज़र्ग कहते है 70 सालों से मांग कर रहे हैं। हम बहुत तकलीफ से गुज़र रहे है। हम अब कई मंत्रियों से गुज़ारिश करते है की हमारी यह मुश्किल दूर करें” लेकिन समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है।