अपने पति के नाम ‘स्वराज’ को सुषमा स्वराज ने बनाया था अपना सरनेम

ख़बरें अभी तक। हरियाणा की माटी में साल 1952 को वैलेंटाइन्स डे (14 फरवरी) के दिन सुषमा स्वराज ने जन्म लिया। किसी ने नहीं सोचा था वो एक दिन इतनी बड़ी नेता बनेगी और महज 25 साल की उम्र में वे हरियाणा कैबिनेट का हिस्सा बनी। कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का  मंगलवार रात 67 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज (बुधवार) किया जाएगा।सुषमा स्वराज के माता-पिता का संबंध वैसे तो पाकिस्तान के लाहौर से था, जो बाद में हरियाणा के अंबाला में रहने लगे। सुषमा के पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मशहूर सदस्य थे। लिहाजा संघ की पाठशाला का ज्ञान उन्हें घर से भी मिला। उन्होंने संस्कृत और राजनीति विज्ञान में अंबाला कैंट के सनातन धर्म कॉलेज से शिक्षा हासिल की और उसके बाद चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ किया। उनको हरियाणा के लैंग्वेज डिपार्टमेंट के कॉम्पिटिशन में लगातार तीन साल सर्वश्रेष्ठ हिंदी वक्ता का अवॉर्ड भी मिला था।रिपोर्ट्स के अनुसार सुषमा स्वराज जब लॉ की पढ़ाई कर रही थी उस दौरान उनकी मुलाकात स्वराज कौशल से हुई थी। दोनों की प्रेम कहानी कॉलेज से शुरू हुई। स्वराज कौशल का जन्म हिमाचल के सोलन में हुआ था। सुषमा स्वराज सुप्रीम कोर्ट की वकील भी रह चुकी हैं। साल 1975 में सुषमा स्वराज सोशलिस्ट नेता जॉर्ज फर्नांडिस की लीगल डिफेंस टीम का हिस्सा बन गईं, जिसमें स्वराज कौशल भी थे।उन्होंने और स्वराज कौशल ने आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यहां से दोनों की नजदीकियां और बढ़ीं और उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया। लेकिन यह इतना भी आसान नहीं था क्योंकि उस वक्त हरियाणा में कोई लड़की लव मैरिज के बारें में सोचती तक नहीं थी। लड़कियों को लव मैरिज करना उस वक्त बुरा माना जाता था। ऐसे दौर में दोनों को अपने परिवारों को मनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद 13 जुलाई 1975 को दोनों ने शादी कर ली और शादी के बाद सुषमा स्वराज ने अपने पति के नाम को सरनेम बनाया।

बता दें कि बीजेपी की सीनियर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर पूरा देश शोक में डूबा है। इस बीच बीजेपी मुख्यालय पर पार्टी के झंडे को आधा झुका दिया गया है। थोड़ी देर में सुषमा स्वराज का शव बीजेपी मुख्यालय पर लाया जाएगा। यहां पर पार्टी कार्यकर्ता सुषमा का अंतिम दर्शन करेंगे। इसके बाद सुषमा का अंतिम संस्कार किया जाएगा।