गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया

ख़बरें अभी तक। जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ ही हलचल भी तेज हो गई है। कश्मीर में फोन बंद कर दिए गए हैं, साथ ही मोबाइल इंटरनेट की सेवा भी बंद कर दी है, कई बड़े राजनेताओं को नज़रबंद कर दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके घरों में नजरबंद कर लिया गया है। कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। घाटी में इंटरनेट सेवाओं बंद करने के साथ ही जम्‍मू और श्रीनगर में धारा-144 लगा दी गई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक हुई। दूसरी ओर संसद में भी इस विषय को लेकर हंगामे के आसार हैं, विपक्ष के कई नेताओं ने आज स्थगन प्रस्ताव दिया है।

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह संसद पहुंच गए हैं, अमित शाह ने कश्मीर मसले को लेकर संसद के दोनों सदनों में बयान जारी किया। जम्मू-कश्मीर के मसले पर अमित शाह के बयान से पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता बैठक के लिए संसद पहुंचे गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संसद पहुंच गए हैं। दूसरी ओर आर्मी चीफ बिपिन रावत का जैसलमेर दौरा रद्द हो गया है।

राज्यसभा में अमित शाह के बयान से पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर की स्थिति का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को हाउस अरेस्ट किया गया है। ऐसे में गृह मंत्री को घाटी की स्थिति पर बयान देना चाहिए।

इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। लेकिन उन्हें उनकी बात कहने दी जाए। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य का पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा है। वहीं गृह मंत्री द्वारा संकल्प पेश करने के बाद राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ और हंगामे के बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपनी बात रखी।