सुप्रीम कोर्ट डाक्यूमेंट्स के आधार पर निर्णय लेगा और बाबरी मस्जिद के हक़ में फैसला आएगा: मुफ्ती मोहम्मद जाहिद

ख़बरें अभी तक। राम मन्दिर व बाबरी मस्जिद मामले को लेकर की जा रही मध्यस्था कमेटी की रिपोर्ट आज सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई। जिस पर निर्णय लेते हुए सुप्रीम।कोर्ट ने मध्यस्था का दरवाजा अब इस मामले में पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय अब 6 अगस्त से इस मामले में नियमित रूप से प्रतिदिन सुनवाई करेगा,,इस पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने कहा कि इस मामले में बहुत देरी की जा रही थी। अब सुप्रीम कोर्ट निश्चित ही डाक्यूमेंट्स के आधार पर निर्णय लेगा,,और इन शा अल्लाह बाबरी मस्जिद के हक़ में फैसला आएगा।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सुन्नी थेयोलॉजी डिपार्टमेंट के एसिस्टेंट प्रोफेसर ने बाबरी मस्जिद व राम मंदिर की डे टू डे सुनवाई के मामले पर कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट में पूर्व विश्वास व भरोसा है। जॉनभी दलीलें व एविडेन्स मुस्लिम पक्षकारों की ओर से रखे गए हैं। वह बाबरी मस्जिद के पक्ष में निर्णय का आधार ज़रूर बनेंगे।।लेकिन सुप्रीम कोर्ट अगर अपना फैसला बाबरी मस्जिद या राम मन्दिर के पक्ष में दे उसका सभी को सम्मान करना चाहिए। जिस प्रकार ट्रिपल तलाक़ को लेकर मुस्लिम समाज ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को माना है। उसी प्रकार राम मंदिर व बाबरी मस्जिद के फैसले का भी वेलकम करने के लिए व आपसी सौहार्द को कायम रखने के लिए देश का मुसलमान तैयार है।

इतने सालों से जो मसला पेंडिंग में पड़ा हुआ था उसका हल होना भी ज़रूरी था। उम्मीद यही है कि जो डाक्यूमेंट्स एविडेन्स हैं उसीके आधार पर फैसला सुनायेगा,,और इन शा अल्लाह बाबरी मस्जिद के हक़ में मुक़द्दमा तय होगा। सारी कोशिशों के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह अब इस मामले को सुनेंगे ये अच्छा कदम है। हमें उम्मीद है कि संविधान को ध्यान में रखते हुए सही रोशनी में फैसला आएगा। ये मसला जो बहुत दिन से पेंडिंग में पड़ा हुआ था ये हल हो जाएगा।