श्रावस्ती में जिलाधिकारी बने शिक्षक, स्कूलों में जाकर पढ़ा रहे बच्चों को

ख़बरें अभी तक। शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और पटरी पर लाने के अब जहां सरकार अनेको कदम उठा रही है। वहीं सरकारी स्कूलों के बच्चों को इंग्लिश और हिन्दी के अल्फाबेट में अंतर नहीं दिखाई पड़ रहा है। वहीं अध्यापकों को भारत का मानचित्र भी नहीं बनाना आता। इसी सिलसिले में एक विद्यालय में DM को ही अध्यापक बन बच्चों को पढ़ना पड़ा। श्रावस्ती शिक्षा क्षेत्र के अंतिम पायदान पर खड़ा है।

जहां अशिक्षा कूट कूट कर भरी है। इसी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए 11 बजे के बाद जनपद के किसी भी स्कूल में जाकर शिक्षा की गुणवत्ता की जांच करते है। और कहीं कहीं तो खुद शिक्षक बन बच्चों को शिक्षा देने का काम करते है। वहीं जिलाधिकारी ओपी आर्या का कहना है कि श्रावस्ती में शिक्षा सिर्फ नाम मात्र है। इसपर हम सबको मिलकर काम करना होगा। इसलिए हम प्रति दिन एक दो स्कूल देखते और बच्चों को पढ़ाते है और ये हमारा दायित्व बनता है इस काम में मुख्यविकास अधिकारी अविनाश राय और ADM योगानंद पाण्डे भी हमारा साथ दे रहे है।