कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में पेश किया तीन तलाक बिल

ख़बरें अभी तक। आज (मंगलवार) राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश किया गया। लोकसभा में बिल पास होने के बाद आज राज्यसभा में बिल पास होने की उम्मीदें है। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में बिल को पेश किया। राज्यसभा में बिल पर चार घंटे तक चर्चा होगी। वहीं भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है।

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर अपना पक्ष रखने के लिए कांग्रेस को 42 मिनट का समय दिया गया है। बिल के विरोध में गुजरात से कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने बोलते हुए कहा कि यह बिल सिर्फ एक महिला नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार से जुड़ा हुआ है। आपने इसे क्रिमिनल ज्यूरिस्प्युडेंस में डाल दिया। आपने मैजिस्ट्रेट के कोर्ट में महिला को धकेल दिया। आपने फैमिली के लिए अब उसे मैजिस्ट्रेट कोर्ट में जाने पर मजबूर कर दिया।

तीन तलाक बिल को पेश करने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुछ लोगों को बिल में कुछ खामियां लगी, उन्हें लगा इसका दुरुपयोग हो सकता है तो हमने इसमें बदलाव किए। अब इसमें बेल और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है। इस सवाल को वोट बैंक के तराजू पर न तौला जाए, यह सवाल नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है। बिल में तत्काल तीन तलाक को अपराध माना गया है और ऐसा करने वाले मुस्लिम पुरुषों को सजा देने का प्रावधान किया गया है।

तीन तलाक पर बोले एनसीपी नेता माजिद मेनन, हम चाहते हैं कि तीन तलाक बिल में दोषी पति को तीन साल की सजा का प्रावधान हटाया जाए। बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजना सही होगा। वहीं  हुसैन दलवई ने कहा कि, मुझे लगता है यह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाएगा क्योंकि बीजेपी में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते हैं। वह भी अच्छे लोग हैं जो चाहते हैं कि मुस्लिम समाज को इस तरह से बाहर ना किया जाए।

साथ में लेकर चला जाए। हम भी ट्रिपल तलाक के विरोध में हैं, हमने इसके खिलाफ आंदोलन किया है लेकिन जिस तरह से पति को जेल भेजे जाने की बात है तो परिवार की कौन देखरेख करेगा. इस पर विपक्ष एकजुट है। यह मुस्लिम महिलाओं के हक की बात नहीं है। उसके पति को आप अंदर डाल दें। उसके बच्चों को कौन संभालेगा। 3 साल अंदर रहेगा तो कौन संभालेगा? जानबूझकर सरकार मुसलमानों को ठेस पहुंचाने के लिए ऐसा वातावरण बना रही है।

लोकसभा में ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019′ पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा की तरफ से यह भ्रांति फैलाई जा रही है कि हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट नहीं है। हम साफ करना चाहते हैं कि हमारा रुख स्पष्ट है. तीन तलाक के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के फैसले का सबसे पहले कांग्रेस ने स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विरोध सिर्फ तीन तलाक को इसे फौजदारी मामला बनाने से है, जबकि यह दीवानी मामला है। गोगोई ने इस विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की।