ऐसे बताएं पेरेंट्स को
‘लाज-शर्म’ को ताक पर रखकर अगर आप खुद बाबूजी से अपनी शादी की बात कहेंगी, तो मामला उल्टा पड़ने का खतरा है। इसलिए अपने भाई-बहन को अपना ‘दूत’ या ‘कबूतर’ बनाकर माता-पिता के सामने प्रस्तुत करें। वे आपकी बात आराम से रख सकेंगे।
इसके बाद पेरेंट्स का रौद्र रूप झेलने के लिए भी तैयार रहें। जैसे ही उनका गुस्सा शांत हो उनके तकिए के नीचे एक चिट्ठी रख दें जिसमें आपको अपने लवर की खूबिया गिनानी हैं। जिस तरह क्लाइंट को लुभाने के लिए कंपनियां बिजनेस प्रपोजल तैयार करती हैं, समझ लीजिए आपकी वह चिट्ठी भी वैसी ही होनी चाहिए।
समर्थन जुटाएं
शादी के लिए पेरेंट्स को मनाना किसी क्रांति से कम नहीं। इसलिए आपको अपने लिए समर्थन भी जुटाना होगा। लव मैरेज करने वाले आपके यार दोस्त और भाई-बहन आपका काम आसान कर सकते हैं। साथ ही पेरेंट्स को उन रिश्तेदारों से दूर रखें जो ऐसी शादी के खिलाफ हों।
पेरेटेंस और पार्टनर की मीटिंग फिक्स करें
पेरेट्स अगर मान नहीं रहे हों, तो कम से कम उन्हें इस बात के लिए जरूर मना लें कि वह एक बार उस इंसान से जरूर मिल लें, जिससे आप शादी करना चाहते हैं। साथ ही अपने पार्टनर को भी अपने माता-पिता की पसंद-नापसंद के बारे में बता दें, ताकि वे अपनी जिंगदी के सबसे अहम इंटव्यू में अपना बेस्ट शॉट दें
जब भी पेरेंट्स को मनाएं, कोई धमकी ना दें, ना ही इमोश्नल अत्याचार करें उनपर। याद रखिए आपके हर एक्शन का उनके पास इक्वल और अपोजिट रिएक्शन भी हो सकता है क्योंकि वे सही मायने में आपके बाप हैं।
तो स्ट्रैटिजी बनाएं, और लग जाएं काम पर।
ऑल द बेस्ट!!!