बुलंदशहर में सरकारी जमीन पर हो रहा अवैध खनन का खेल

ख़बरें अभी तक। उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार में हुए सोनभद्र फतेहपुर में हुए करोड़ों के खनन घोटाले मामले में उस वक्त तत्कालीन पद पर जिलाधिकारी बी चंद्रकला और अभय सिंह समेत कई अफसर सीबीआई के राडार पर है। सुबे में सरकार बदलने के बाद इन अफसरों पर कार्रवाई और जांच की विधिक कार्रवाई भी तेज हो गई है हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार में बुलंदशहर जिले में तैनात रहे जिलाधिकारी अभय सिंह के घर सीबीआई का छापा पड़ा और देर शाम सरकार को अभय सिंह का तबादला भी करना पड़ा, अखिलेश सरकार में खनन के आरोपों में घिरे अगस्त सिंह कर्नाटक क्या वास्तव में खनन माफियाओं से जुड़ा रहा है।

इसकी बानगी बुलंदशहर में हुई ताजा कार्रवाई से पता चलता है, अभय सिंह के हटाए जाने के बाद यूपी सरकार ने देर रात तेजतर्रार आईएएस अधिकारी रविंद्र कुमार को नवीनतम तैनाती दी। जिसके बाद से ही रविंद्र कुमार ने खनन माफियाओं के खिलाफ बिगुल बजा दिया, बुलंदशहर से 70 किलोमीटर दूर हाल ही में पट्टा आवंटन किया गया था आरोप है कि रविंद्र कुमार के वक्त में जिस पट्टे पर 90 हजार घन मीटर गंगा नदी से बालू खनन होना था वहां तकरीबन 6 लाख घन मीटर बालू का खनन कर दिया गया, इतना ही नहीं गंगा नदी के अलावा बुलंदशहर में गंग नहर से भी कई रेत माफिया सक्रिय नजर आए।

गुरुवार सुबह तड़के बुलंदशहर नगर में स्थित सरकारी जमीन पर जब एडीएम ने छापामार कार्रवाई की तो वहां बालू से लगी कई ट्रैक्टर ट्राली या मिली दरअसल यह तो लिया बुलंदशहर से गुजर रही गंग नहर से अवैध खनन कर लाई जा रही थी, आनन-फानन मैं मौके पर पहुंचे खनन विभाग के अधिकारी और एसडीएम ने इन सभी ट्रैक्टर-ट्रॉली को सीज किया, हाला की छापामार कार्रवाई से ठीक पहले एक खनन माफिया मौके से फरार हो गए, उधर गंगा नदी से हुए बड़ी तादाद में अवैध खनन के बाद स्टॉक को जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने नोटिस की कार्रवाई की है।

जबकि अभी लाखों घन मीटर हुए इस अवैध बालू खनन पर कोई जुर्माना नहीं किया गया ना ही इस स्टॉक को सीज करने की कार्रवाई की गई है। प्रशासन और माफिया का गठजोड़ कितना मजबूत है इसकी बानगी एक वीडियो के बाद सामने आई है वीडियो में जो शख्स वह बोल रहा है उसकी मानें तो अवैध बालू खनन मैं खुद पुलिस और प्रशासन के लोग संलिप्त है और इन्हीं की शह पर यह अवैध बालू खनन का कारोबार चल रहा है इसकी आवाज में अधिकारियों को खासी रकम भी मुहैया कराई जाती है, हालांकि सब कुछ खुलने के बाद प्रशासन के अधिकारी अब जांच की बात कर रहे हैं मगर सब कुछ देखने के बाद फिर एक सवाल खड़ा होता है कि जब खुद ही साहब पूरे मामले में घिरे हो तो जांच और कार्रवाई स्पष्ट कैसे हो।