कारगिल विजय दिवस: 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं ने अपने खून से लिखी थी कारगिल की कहानी

ख़बरें अभी तक।  20 साल पहले आज ही के दिन 26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। आज का दिन उन शहीदों को समर्पित है, जिन्होने देश की गौरवगाथा लिखने में अपने प्राणों की बलिदान किया। इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व है। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था, वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे।

कारगिल युद्ध की अनौपचारिक शुरुआत 3 मई 1999 को तब हो गई थी जब पाकिस्तान ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए भारतीय सैनिकों द्वारा ऑपरेशन विजय चलाया गया था। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए। इसके अलावा मिग-29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया।

इस युद्ध में बड़ी संख्या में रॉकेट और बम का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान करीब दो लाख पचास हजार गोले दागे गए। वहीं 5,000 बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों और रॉकेट लांचर का इस्तेमाल किया गया। लड़ाई के 17 दिनों में हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया। बताया जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यही एक ऐसा युद्ध था जिसमें दुश्मन देश की सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी।

राष्ट्रपति आज कारगिल शहीदों को देंगे श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे। वह 1999 के कारगिल संघर्ष में शहीद हुए सेना के जवानों को श्रद्धांजलि देंगे।