यूनेस्को रेल लाइन शिमला-कालका रेलवे ट्रैक पर कविताओं के ज़रिए पर्यावरण संदेश

ख़बरें अभी तक: पर्यावरण संरक्षण व वैश्विक धरोहर शिमला-कालका रेलवे ट्रैक को स्वच्छ रखने के मकसद से हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच व कालका-शिमला रेलवे द्वारा रविवार को तारादेवी से समरहिल रेलवे ट्रैक पर पैदल यात्रा करके सफाई व पौधा रोपण किया। यात्रा के अंत में समरहिल में साहित्य संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। ट्रैक पर रास्ते में कवियों ने अपने लेख के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा का संदेश भी दिया। मंच के अध्यक्ष एसआर हरनोट ने बताया कि आज का समय पर्यावरण विनाश का सबसे घातक है, और हम सब इस दौर से गुजर रहे है।

आज बाहर की अपेक्षा हमारे भीतर का पर्यावरण ज्यादा प्रदूषित हो रहा है। इस यात्रा को करने का उद्देश्य बाहर व भीतर के प्रति अपने साथ-साथ आमजन को जागरूक करना भी है। बता दें कि इस यात्रा में बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया। हरनोट ने कहा कि पर्यावरण व साहित्य को बचाएं रखने के लिए इस तरह की यात्रा फलीभूत रहेगी, ऐसी अपेक्षा है। हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर  तारादेवी से समरहिल रेलवे ट्रैक पर पैदल यात्रा में 50  से ज्यादा लेखक कवि शामिल हुए।

तारादेवी रेलवे स्टेशन से शुरू अनोखी लेकिन सराहनीय यात्रा का पहला पड़ाव जतोग स्टेशन था। जबकि अगला पड़ाव समरहिल जहां पौधरोपण के बाद कविता पाठ का आयोजन भी किया गया। रास्ते में रेलवे ट्रैक के आसपास की सफाई के अतिरिक्त खाली जगहों पर पौध व बीज रोपण भी किया गया। साहित्यकार और पर्यावरण प्रेमियों के ये छोटे छोटे प्रयास पर्यावरण व साहित्य को बचाए रखने में मील का पत्थर साबित होंगे और समाज में संदेश का जरिया बनेंगे।