पढ़िए, सावन के महीने में हरा रंग पहनने के क्या मायने है

ख़बरें अभी तक। सावन के मौसम में ज़्यादातर हिंदू धर्म की शादीशुदा महिलाएं हरे कपड़े और हरी चूड़ियां पहनना पसंद करती हैं ताकि उनके और परिवार के सदस्यों के जीवन में खुशहाली बनी रहे। सावन के महीने में कपड़े, चूड़ियां और बिंदी तक महिलाएं हरे रंग की पहनती है। हरा रंग खुशहाली का प्रतीक होता है। हरे रंग का संबंध बुध ग्रह से है।कुछ धर्म ग्रंथों में बुध ग्रह को हरे रंग का स्वामी बताया गया है। माना जाता है कि जिस जातक का बुध ग्रह कमजोर हो उसे हरा रंग पहनना चाहिए। इससे जातक के जीवन में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। यह भी मान्यता है कि इससे संतान की चाहत पूरी होती है। सावन के महीने को बहुत ही शुभ महीना माना जाता है। सावन के दौरान भगवान शिव की पूजा होती है और उनपर जल और दूध चढ़ाया जाता है। हरा रंग प्रकृति का रंग होता है। सावन के महीने में हर तरह हरियाली छाई रहती है, बारिश की वजह से पेड़ पौधों की पत्तियां मानो एकदम नई जैसी लगती हैं। हिंदू धर्म में हरे रंग को शादी से भी जोड़ा जाता है। हरे रंग को लाल की तरह ही माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह किसी के विवाहित जीवन में खुशहाली और खुशियां लाता है। इस प्रकार, महिलाएं अपने विवाहित जीवन और भगवान शिव से अपने पति के लिए लंबे जीवन के लिए आशीर्वाद लेने के लिए हरे रंग की चूड़ियां और साथ ही हरे रंग के कपड़े पहनती हैं।माना जाता है कि भगवान शिव को हरा रंग बेहद पसंद है और यह भी सच है कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित किया जाता है। इसलिए महिलाएं हरा रंग पहनती हैं ताकि उनका भाग्य अच्छा रहे और भविष्य में भी उनका भाग्य अच्छा रहे। साथ ही वह अपने पति के अच्छे भाग्य के लिए भी हरा रंग पहनना पसंद करती हैं।