जानिए, इस बार सावन के कितने शुभ सोमवार पड़ रहे है

ख़बरें अभी तक। श्रावण मास का पहला सोमवार 22 जुलाई को है, इस दिन व्रत रहने से संतान सुख, धन, निरोगी काया और मनोवांछित जीवन साथी प्राप्त होता है, साथ ही दाम्पत्य जीवन के दोष और अकाल मृत्यु जैसे संकट दूर हो जाते हैं। सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सोम प्रदोष। सोमवार व्रत की विधि सभी व्रतों में समान होती है। इस व्रत को सावन माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है।

सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है। व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए। सावन सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठना चाहिए तत्पश्चात पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाना चाहिए। उसके बाद गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कना चाहिए। घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें- ‘मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये’

इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-

‘ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌।

पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥

ध्यान के पश्चात ‘ॐ नमः शिवाय’ से शिवजी का तथा ‘ॐ शिवायै नमः’ से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।

पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें। तत्पश्चात आरती कर प्रसाद वितरण करें। इसकें बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें। सोमवार व्रत फल: श्रावण मास के सोमवार को करने से भगवान शिव और माता पार्वती संयुक्त रूप से प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्राप्ति का आशीष देते हैं। इस व्रत से सुख, सफलता, सादगी, संयम, सच्चरित्रता, स्नेह और सौभाग्य का वरदान मिलता है। भगवान शिव हर विपरीत परिस्थिति में भक्त का सहारा बनते हैं। इस उपवास से तरक्की के रास्ते खुलते हैं और आशुतोष भगवान शिव की पूर्णत: कृपा मिलती है।

इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं, जिसे शुभ माना जा रहा है। इस बार शिवरात्रि भी 30 जुलाई को है, यानी कि दूसरे सोमवार के अगले दिन मंगलवार को। सावन में मंगलवार का दिन माता गौरी को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन मंगला गौरी व्रत किया जाता है। मंगला गौरी व्रत के दिन शिवरात्रि का पड़ना भी अपने आप में विशेष है।

  • 22 जुलाई: सावन का पहला सोमवार।
  • 29 जुलाई: सावन का दूसरा सोमवार।
  • 05 अगस्त: सावन का तीसरा सोमवार।
  • 12 अगस्त: सावन का चौथा सोमवार।