राजस्थान हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जजों को ना कहें “माई लॉर्ड”

ख़बरें अभी तक। राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए वकीलों से अनुरोध किया है कि जजों को “माई लॉर्ड” और “योर लार्डशिप” जैसे शब्द कहकर ना करें संबोधित। कोर्ट ने संविधान प्रदत्त समानता के अधिकार का हवाला देत हुए कहा है कि वकीलों और कोर्ट के सामने पेश होने वाले लोगों को ऐसे संबोधनों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। फुल कोर्ट की 14 जुलाई को हुई मीटिंग में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया।

साल 2009 में मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस चंद्रू ने भी वकीलों को इस तरह के संबोधन से मना किया था। हालांकि साल 2006 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा था कि ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ जैसे संबोधन का उपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि यह भारत के औपनिवेशिक अतीत के अवशेष हैं।