आखिर क्यों भारत आना चाहती है मलाला यूसुफजई

खबरें अभी तक। भारतीयों से मिले प्यार और समर्थन से अभिभूत पाकिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने कहा कि वह भारत की यात्रा करना चाहती है और वहां लड़कियों के लिए काम करने की इच्छा रखती हैं. मलाला ने कहा कि उन्होंने भारत के बारे में बहुत कुछ पढ़ रखा है और भारतीय फिल्मों तथा नाटकों की बड़ी प्रशंसक हैं. साथ ही भारत की संस्कृति और मूल्यों के बारे में और जानना चाहती हैं.

मलाला ने दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में हिस्सा लिया और यात्रा के दौरान उन्होंने विश्व के कई नेताओं और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) से मुलाकात की और लड़कियों की शिक्षा के लिए समर्थन की मांग की. दुनिया भर में लड़कियों की शिक्षा के लिए मलाला ने मलाला फंड की स्थापना की, जबकि उनकी एक अन्य पहल गुलमकई नेटवर्क है. वह तालिबान शासन के खिलाफ गुलमकई नाम से ब्लॉग लिखा करती थीं. मलाला ने कहा, ‘वह अपने गुलमकई नेटवर्क का भारत में विस्तार को लेकर बहुत उत्साहित हैं,

जहां वह स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहती है क्योंकि वे स्थानीय मुद्दों को अच्छी तरह समझते हैं और साथ ही आवश्यक समाधान सुझा सकते हैं. उन्होंने माना कि भारत और पाकिस्तान के पहले एक ही देश होने के नाते उनकी संस्कृति और उनकी समस्याएं भी एक जैसी हैं.भारत के बारे में बात करते हुए मलाला ने कहा, भारत से मुझे जो समर्थन मिला है वह अपरिहार्य है और मैं इस प्यार और समर्थन के लिए भारत में हर किसी का आभार व्यक्त करना चाहती हूं. मुझे भारत से समर्थन के बहुत सारी चिट्ठियां मिली हैं. जैसे मैं पाकिस्तान की लड़कियों के बारे में चिंतित हूं, वैसे ही मैं भारत की लड़कियों के बारे में भी चिंतित हूं और यह संख्या लाखों में है. उल्लेखनीय है कि लड़कियों की शिक्षा को लेकर तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली 20 वर्षीय मलाला पर तालिबान ने हमला किया था. बाद में मलाला को नोबल शांति पुरस्कार से नवाजा गया और वह संयुक्त राष्ट्र की शांति दूत बनी.