HP: शिक्षा ना मिलने पर छात्राएं कर रही है कॉलेज से पलायन

ख़बरें अभी तक। केंद्र सरकार एक तरफ ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देकर गरीब बेटियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही है। ताकि  गरीब वर्ग की बेटी आगे बढ़कर देश का नाम रोशन करें पर अगर धरातल पर बात की जाए  कॉलेजों की तो अध्यापकों की कमी के कारण कई छात्राएं कॉलेजों से प्लान कर रही है आज हम बात कर रहे हैं श्री रेणुका जी (ददाहु) डिग्री कॉलेज की जहां पर कई किलोमीटर दूर पहाड़ी चढ़कर छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए कॉलेज में प्रवेश कर रही है परंतु तीन अध्यापकों के सहारे चल रहे कॉलेज में बड़ी लग्न से पढ़ाई करने पहुंच रही छात्राएं की मेहनत खराब हो जाती है।

यही नहीं डिग्री कॉलेज की अपनी बिल्डिंग ना होने के कारण कई बार बरांडे में भी पढ़ाई करनी पड़ रही है इन दिनों जोरदार बारिश के कारण एक कमरे में दो-दो क्लासए बिठानी पड़ रही है ऐसे में छात्र और छात्राओं को पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ददाहू 20 पंचायतों का केंद्र बिंदु है यहां पर कई पंचायतों से छात्र और छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंच रहे हैं आप को बता दें जब यहां पर कॉलेज नहीं खुला था तो पहाड़ी क्षेत्र की लड़कियों को 12वीं कक्षा पास करने के बाद या तो शादी करवाई दी जाती थी या घर में बिठा कर घर का काम कराया जाता था।

पर घर द्वार पर कॉलेज खुलने से गरीब वर्ग की बेटियों को भी पढ़ाई करने की नई किरण जाग चुकी थी। पिछले वर्ष की भांति इस बार भी छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है पर बड़ी विडंबना का विषय है कि कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद जब तीन ही अध्यापक कॉलेज में दिखाई देते हैं। बच्चे सही ढंग से पढ़ाई ना मिलने के कारण अपना भविष्य अंधकार में डूबता हुआ महसूस कर रहे हैं।

हालांकि कॉलेज के अध्यापक छात्रों को पढ़ाने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं छात्राओं का कहना है कि सुविधाएं ना मिलने के कारण अब छात्राओं ने मन बना लिया है कि यहां से नाहन या सोलन डिग्री कॉलेज में दाखिला करवाएं जाय।छात्रों ने एक बार फिर प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर से जोरदार आग्रह किया है कि यहां पर जल्द से जल्द अध्यापकों के पद भरे जाएं व कॉलेज की अपनी बिल्डिंग तैयार की जाए अन्यथा यहां से छात्राओं को या तो कॉलेज छोड़ना पड़ेगा या कहीं बाहर दाखिला लेना पड़ेगा।