संसद का बजट सत्र शुरू,तीन दिन बाद पेश होगा आम बजट

खबरें अभी तक।संसद का बजट सत्र शुरू हो चुका है. इसके बाद महज तीन दिनों बाद ही आम बजट पेश किया जाएगा. इसके बाद महज तीन दिनों बाद ही आम बजट पेश किया जाएगा. सोमवार को इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाएगा. इस बजट में जहां मोदी सरकार के सामने अर्थव्यवस्था को लेकर कई चुनौतियां खड़ी हैं, तो आम आदमी को खुश करने का दबाव भी सरकार पर है. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए जा रहे इस बजट में आम आदमी को 5 अहम मोर्चों पर राहत की उम्मीद है.

 

पेट्रोल-डीजल

 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से पेट्रोल एकबार फिर 80 के पार पहुंच गया है. ऐसे में आम आदमी को उम्मीद है कि उसे इस मोर्चे पर बजट में कुछ राहत मिले. आम आदमी को उम्मीद है कि वित्त मंत्री जी इस बजट में एक्साइज ड्यूटी घटाकर या फिर अन्य घोषणाएं कर उसे इस द‍बाव से राहत दिलाएंगे.

 

रोजगार के मौके

 

पिछले कुछ वक्त से देश रोजगार की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में आम आदमी को वित्त मंत्री से इस मोर्चे पर अहम घोषणाएं किए जाने की उम्मीद है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में देश की पहली रोजगार नीति पेश की जा सकती है. यह नीति रोजगार के मौके पैदा करने के लिए रोडमैप तैयार करेगी.

 

टैक्स दरों में मिले राहत

 

टैक्स के मोर्चे पर आम आदमी चाहता है क‍ि उसे टैक्स दरों में राहत मिले. उम्मीद की जा रही है कि सरकार आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख करे. इसके साथ ही टैक्स स्लैब्स को लेकर भी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

 

बचत करना हो फायदे का सौदा

 

आम आदमी सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाने की उम्मीद भी बजट से पाले हुए है. उसे उम्मीद है कि सरकार उसके लिए सेक्शन 80सी के तहत निवेश करना आसान बनाएगी और इसका दायरा मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करेगी.

 

स्वास्थ्य खर्च में राहत

 

देश में चिकित्सा सेवा पर होने वाले खर्च में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले दिनों डेंगू के इलाज के लिए 15 लाख रुपये तक का बिल लिए जाने की खबरें भी आई थीं. ऐसे में सरकार कंपनियों की तरफ से दी जाने वाली मेडिकल अलाउंस पर टैक्स छूट को बढ़ा सकती है.

 

फिलहाल यह छूट महज 15000 रुपये है. बजट में मोदी सरकार से इस टैक्स छूट को बढ़ाने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है, तो कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को मेडिकल अलाउंस बढ़ाकर दे सकती हैं.