योगी सरकार ने 17 जातियों को ओबीसी से एससी में शामिल किया

ख़बरें अभी तक। जब बात वोट की हो तो सरकार उसे साधने के लिए वो सब करती है जो उसे करना चाहिए। तकरीबन 30 साल से यूपी की 17 जातियां एससी में शामिल होने का खवाब देख रही है, लेकिन उन्हें आज तक किसी सरकार ने वो हक़ नहीं दिया जिसकी वो मांग लंबे समय से करते आ रहे है। दलितों के समान ही सामाजिक संरचना रखने वाली 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की मांग दशकों से चल रही थी, समय-समय पर सरकारों ने इसके प्रयास भी किए, लेकिन मौका देखते ही योगी सरकार ने इसे भी अपने पक्ष में भुना लिया। सियासी तौर पर जाटों के अलावा दूसरी दलित जातियां बीजेपी के समर्थन में रहीं हैं।

मसलन पासी, खटीक, सोनकर जैसी जातियां बीजेपी के साथ रहे हैं। अब 17 नई जातियों के अनुसूचित जाति के कोटे में आने से उनके लिए मौके कम हो सकते हैं और इसका विरोध बढ़ सकता है। यही वजह है कि बीजेपी ने कोर्ट के स्टे हटने के बाद चुपचाप इसके आदेश तो जारी कर दिए लेकिन खुलकर इसका क्रेडिट नहीं ले पा रही क्योंकि उसे दलित जातियों में भी विद्रोह का खतरा दिखाई दे रहा है। हालांकि जिन जातियों को ओबीसी से एससी में शामिल किया गया उनका कहना है कि ये सिर्फ लुभाने की एक कोशिश मात्र है।