ड्रग, यौन संबंध, तनाव: कोटा में छात्रों की खराब लाइफ का सच

खबरें अभी तक।राजस्थान के कोटा में पढ़ने वाले छात्रों के बीच तनाव, अकेलापन, अनिंद्रा, खुद ही खुद को नुकसान पहुंचाने का एटीट्यूड, सेक्शुअल एक्पेरिमेंटेशन, प्रेग्नेंसी के चांसेज और ड्रग का इस्तेमाल आम बात है.यह बात मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सामने आई है. कोटा को आईआईटी में एडमिशन लेने लिए तैयार करने वाले कोचिंग इंस्टीट्यूट का गढ़ माना जाता है. जानते हैं पूरा मामला…

टाटा इंस्टीट्यूट ने ये रिपोर्ट कोटा जिला प्रशासन को सौंप दी है. जिला प्रशासन ने ही सुसाइड के पीछे की वजह को पता लगाने के लिए रिसर्च कराया था.

स्टडी में पता चला है कि शनिवार को आमतौर से ऑफ होता है, लेकिन संडे को टेस्ट लिया जाता है, इससे छात्रों को छुट्टी के लिए वक्त नहीं मिल पाता है.

रिपोर्ट में पैरेंट्स के लिए सुझाव भी है- संभव हो तो पहले कोटा के वातावरण के बारे में पता लगा लें. कोटा सभी छात्रों के लिए सबसे अच्छी जगह नहीं है. कई छात्रों को घर से दूर रहने में मुश्किल होती है.

स्टडी में यह भी सुझाव दिया गया है कि एकेडमिक स्ट्रेस को कम करने की जरूरत है. कोचिंग क्लास के साइज को 1/5 करने की जरूरत है. आपको बता दें कि 2013 से 2017 के बीच 58 छात्रों ने कोटा में सुसाइड कर लिया था. हर साल 1.5 लाख से 2 लाख छात्र कोटा तैयारी करने आते हैं.