आपातकाल के दौरान जेल काटने वालों को पेंशन और प्रशस्ति पत्र देगी फडणवीस सरकार

ख़बरें अभी तक। इंदिरा शासन में 25 जून 1975 को लगाए आपातकाल को लोकतंत्र की हत्या करार दिया जाता रहा है। इस दिन को लोकतंत्र में काले अध्याय के तौर याद किया जाता है। इस वाक्ये को आज 44 साल बीत चुके हैं। इस दौरान जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ी घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान जिन लोगों को सालाखों के पीछे जाना पड़ा, सरकार उन्हें पेंशन और प्रशस्ति पत्र देगी।

मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो लोग आपातकाल के दौरान जेल गए थे उन्हें पेंशन और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों को लिए दी जाने वाली पेंशन पैसे से अधिक सम्मान के तौर पर थी। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों ने पेंशन लेने से इंकार कर दिया। लेकिन अभी भी कुछ लोग गरीबी में गुजर-बसर कर रहे हैं जिन्होंने बिना किसी गलती के गिरफ्तारी के बाद नौकरियां खो दी हैं।